Move to Jagran APP

विक्षिप्त हालत में 20 माह बाद मिली केदारनाथ आपदा में लापता महिला

जून 2013 में केदारनाथ में बादल फटने से आए सैलाब में छह सौ से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी और करीब चार हजार से ज्यादा लापता हैं। आपदा से उत्तराखंड में करीब पांच लाख लोग प्रभावित हुए। सरकार ने करीब एक साल तक लापता लोगों की तलाश में

By Preeti jhaEdited By: Published: Sat, 07 Feb 2015 11:55 AM (IST)Updated: Sat, 07 Feb 2015 11:58 AM (IST)
विक्षिप्त हालत में 20 माह बाद मिली केदारनाथ आपदा में लापता महिला

उत्तरकाशी। जून 2013 में केदारनाथ में बादल फटने से आए सैलाब में छह सौ से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी और करीब चार हजार से ज्यादा लापता हैं। आपदा से उत्तराखंड में करीब पांच लाख लोग प्रभावित हुए। सरकार ने करीब एक साल तक लापता लोगों की तलाश में सर्च अभियान भी चलाया। केदारनाथ त्रासदी में लापता लोगों के परिजनों के लिए यह खबर उम्मीद की किसी किरण से कम नहीं है। बीस माह पहले केदारनाथ त्रासदी में लापता हुई राजस्थान की एक महिला उत्तरकाशी में गंगोरी कस्बे में मिली है।

prime article banner

मंगलवार को महिला का पति उसे अपने साथ ले गया। महिला मानसिक रूप से विक्षिप्त हो चुकी है। हालांकि अभी यह पता नहीं चला है महिला विक्षिप्त कैसे हुई और गंगोरी तक कैसे पहुंची। हैरत यह भी है कि प्रशासन को इस बारे में कोई जानकारी तक नहीं है। उत्तरकाशी के जिलाधिकारी इंदुधर बौड़ाई ने स्वीकार किया गंगोरी में विक्षिप्त हालत में रह रही महिला की सूचना प्रशासन को नहीं मिल सकी और अब विक्षिप्त हालत में घूम रहे लोगों की पहचान कराई जाएगी।

घटना मंगलवार की है। स्थानीय लोगों के मुताबिक राजस्थान से पहुंचे एक व्यक्ति ने गंगोरी बाजार में लोगों को एक महिला की फोटो दिखायी। इस व्यक्ति ने खुद को महिला का पति बताते हुए अपना नाम विजेंद्र सिंह कंवर निवासी ग्राम भीकमपुर तहसील थानागादी जिला अलवर (राजस्थान) बताया। उन्होंने बताया कि यह फोटो उनकी पत्नी लीला कंवर की है व महिला की उम्र करीब 45 साल है। विजेंद्र ने लोगों को बताया कि 16 जून 2013 को पति-पत्नी केदारनाथ में थे। इस बीच सैलाब आ गया। विजेंद्र तो किसी तरह बच गए, लेकिन लीला का कोई पता नहीं चला। उन्होंने बताया कि लीला का नाम उत्तराखंड सरकार द्वारा जारी लापता लोगों की सूची में भी है। इसके बाद वह चमोली और रुद्रप्रयाग में उसकी तलाश करते रहे। उन्होंने लोगों को बताया कि अब जाकर किसी ने उन्हें महिला के गंगोरी में रहने की सूचना दी है।

गंगोरी के रहने वाले मनोज जुयाल ने बताया कि फोटो देखकर वह महिला को पहचान गए। जुयाल के अनुसार यह महिला विक्षिप्त हालत में डेढ़ साल से गंगोरी और आसपास के इलाके में घूमती रहती है। उसके पास कपड़ों की एक पोटली भी है। ग्रामीण महिला को भोजन आदि दे देते हैं।

इसके बाद मनोज और स्थानीय लोग विजेंद्र के साथ महिला की तलाश में निकले। मनोज के अनुसार महिला गंगोरी से दो किलोमीटर दूर मनेरी के पास सड़क किनारे बैठी हुई थी। हालांकि वह विजेंद्र को पहचान नही पाई। भावुक विजेंद्र स्थानीय लोगों का धन्यवाद कर महिला को लेकर राजस्थान रवाना हो गए।

उधर, थानागादी (अलवर, राजस्थान) के उप जिलाधिकारी संजय शर्मा ने पुष्टि की कि लीला का नाम लापता लोगों की उस सूची में शामिल था जिसे उत्तराखंड सरकार के भेजा था।

केदारनाथ त्रासदी में चार हजार लापता-

जून 2013 में केदारनाथ में बादल फटने से आए सैलाब में छह सौ से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी और करीब चार हजार से ज्यादा लापता हैं। आपदा से उत्तराखंड में करीब पांच लाख लोग प्रभावित हुए। सरकार ने करीब एक साल तक लापता लोगों की तलाश में सर्च अभियान भी चलाया था।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.