भजनों की धुन पर नाचे हुरियारे
ब्रज की अनूठी होली का रंग अभी श्रीधाम में उतरा नहीं है। महिलाओं और पुरुषों की टोली ने एक-दूसरे पर हुरंगा कार्यक्रम में जमकर रंग डाला। लठामार होली खेलने को महिलाएं राधे-राधे की गूंज के साथ हुरंगा का आनंद लेती रहीं।
वृंदावन। ब्रज की अनूठी होली का रंग अभी श्रीधाम में उतरा नहीं है। महिलाओं और पुरुषों की टोली ने एक-दूसरे पर हुरंगा कार्यक्रम में जमकर रंग डाला। लठामार होली खेलने को महिलाएं राधे-राधे की गूंज के साथ हुरंगा का आनंद लेती रहीं।
ज्ञानगुदड़ी मुहल्ले में मंगलवार को युवा सेवा समिति के सदस्यों ने हुरंगा का रंगारंग आयोजन किया। शुरुआत रंगों और गुलाल की बौछार के साथ हुई। इस दौरान संगीतमय होली गायन हुआ, जिसे सुनकर वहां मौजूद अनेक हुरियारे नृत्य करने लगे। रंगों और गुलाल की बौछार के बीच हुरियारिनों ने प्रेमपगी लाठियां हुरियारों पर बरसाईं। हुरियारिनें लाठी चलाने को मौका देखतीं तो दूसरी ओर हुरियारे भी होली गीत पर इतराते हुए लाठियां खाने को तैयार दिखे। लठामार होली की समाप्ति के बाद भजन गायन कार्यक्रम हुआ। इस दौरान भक्तिभाव में डूबे रंगों से सराबोर हुरियारे संगीतमय भजन गायन पर नृत्य करने लगे। रिफाइनरी क्षेत्र के गांव कोयला अलीपुर में आयोजित छड़ी मार हुरंगा में हुरियारिनों ने हुरियारों पर जमकर लाठियां बरसाईं। रसिया गायन पर सभी ग्रामीण जमकर झूमे। हुरंगा को लेकर गांव में उत्साह का माहौल था। हुरियारे मस्ती में झूम रहे थे तो हुरियारिनें भी साज-श्रंगार कर लठ बरसाने को उत्सुक थीं। होली के गानों पर सभी झूमे और हुरंगा का आनंद लिया।