आइए जानें, किन चीजों से बनाए होली का रंग व कैसे बचे इसके नुकसान से
इस समय हर तरफ बस होलियाना माहौल छाया हुआ है। मंगलवार को मौसम सही होते ही बाजार में गजब की रौनक देखने को मिली। कपड़ों की खरीदारी में जुटे परिवार सुबह से शाम तक बस होली पर पहनने के लिए परिधान, जूते, चप्पल, उपहार लेने में जुटे हैं।
वाराणसी। इस समय हर तरफ बस होलियाना माहौल छाया हुआ है। मंगलवार को मौसम सही होते ही बाजार में गजब की रौनक देखने को मिली। कपड़ों की खरीदारी में जुटे परिवार सुबह से शाम तक बस होली पर पहनने के लिए परिधान, जूते, चप्पल, उपहार लेने में जुटे हैं।
उधर रंगों की दुकानों पर होली के लिए तरह- तरह की पिचकारी, रंगों के आइटम भी लोगों को खूब लुभा रहे हैं।
बालीवुड कलाकार भी कम नहीं- शाहरुख खान द्वारा रॉ-वन फिल्म में घुंघराले हेयर स्टाइल की विग और ऐश्वर्या राय की स्टेट हेयर स्टाइल विग भी दौड़ में शामिल है। इसकी कीमत 100 से 300 रुपये तक है।
आइस कूल ड्राई कलर- इस हर्बल रंग को लगाकर आपके चेहरे पर ठंडक मिलेगी। बस इसमें हल्का सा पानी छिड़किए और सामने वाले के चेहरे पर लगा दीजिए। इसकी कीमत महज 20 रुपये है।
केमिकल रंगों से रहें सावधान- होली पर त्वचा को सबसे ज्यादा नुकसान केमिकल रंगों से होता है इसलिए बेहतर है कि हर्बल रंगों को प्रयोग करें। वहीं केमिकल रंगों से अक्सर लोगों को त्वचा में लाल दाने, तेज जलन, धब्बे, चेहरे पर सूजन, चकत्ते निकल आते हैं। कई बार तो उल्टी और चक्कर भी आने लगता है।
किन चीजों से बनाए होली का रंग -
गेहूं की हरी बालियों को अच्छी तरह पीसकर भी गुलाल बनाया जा सकता है। पालक, धनिया या पुदीने की पत्तियों को सुखाकर पीस लें। यह हरे गुलाल की तरह इस्तेमाल कर सकते हैं। साथ ही पानी में मिलाकर गीला रंग तैयार किया जा सकता है।
एक किलो ग्राम चुकंदर को कद्दूकस करके एक लीटर पानी में डालकर रात भर छोड़ दें। इससे गाढ़ा जामुनी रंग तैयार हो जाएगा।
एक चम्मच हल्दी पाउडर को दो लीटर पानी में मिलाकर थोड़ी देर उबालें या पचास गेंदे के फूल दो लीटर पानी में मसलकर उबाल लें और रात भर छोड़ दें। बस संतरी रंग तैयार हो गया।
टेसू के फूल की पत्तियों को सुखाकर पाउडर बना लें। गहरा लाल अबीर बन जाएगा और इसे पेस्ट बनाकर पानी में मिलाने पर लाल रंग तैयार हो जाएगा।
लाल गुलाब को सुखाकर पाउडर बना लें। इसकी मात्रा बढ़ाने के लिए आटा मिलाकर गुलाल की तरह इस्तेमाल किया जा सकता है।
छाया में सुखाए गए गुड़हल या जवाकुसुम के फूलों के पाउडर से लाल रंग तैयार किया जा सकता है।
टमाटर और गाजर के रस को भी पानी में मिला कर रंग तैयार किया जा सकता है।
हरा सूखा रंग बनाने के लिए मेहंदी या हिना पाउडर, बिना आंवला व रीठा मिलाए बनाया जा सकता है। इसमें बेसन या आटा भी मिला सकते हैं।
चटक केसरिया गुलाल टेसू के फूलों से बनता है जिसे पलाश भी कहा जाता है, प्राचीन काल से ही टेसू के फूलों से रंग बनाया जा रहा है। टेसू के फूलों को पानी में उबालकर रात भर के लिए पानी में भीगने के लिए छोड़ दीजिए, इससे संतरी रंग तैयार हो जाएगा।
खेलने से पूर्व तैयारी-रंग खेलने से पहले नारियल तेल को पूरे शरीर और बालों पर लगा लें। आंखों, मुंह, कान, नाक में रंग न जाएं। इसका विशेष ध्यान दें क्योंकि अगर इन स्थानों पर रंग चला गया तो समस्या हो सकती है। त्वचा में जलन होने पर पर साफ पानी से नहा लें। इसके बाद एलोबेरा या कैलामाइन लोशन लगाएं। इससे जलन कम होगी लेकिन जलन कम न होने पर तुरंत डाक्टर से संपर्क करें।
डा.मुकुंद श्रीवास्तव, त्वचा रोग विशेषज्ञ, मंडलीय अस्पताल