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Shiv Ji 108 Names: रुद्र से लेकर महादेव तक ये हैं स्वयंभू शिवशंकर के 108 नाम

Shiv Ji 108 Names शिवजी को देवों के देव महादेव भी कहते हैं। वेदों में इनका नाम रुद्र भी बताया गया है। शिवजी के 108 नाम हैं जिनकी जानकारी हम आपको यहां दे रहे हैं।

By Shilpa SrivastavaEdited By: Published: Mon, 07 Sep 2020 07:30 AM (IST)Updated: Mon, 07 Sep 2020 07:30 AM (IST)
Shiv Ji 108 Names: रुद्र से लेकर महादेव तक ये हैं स्वयंभू शिवशंकर के 108 नाम
Shiv Ji 108 Names: रुद्र से लेकर महादेव तक ये हैं स्वयंभू शिवशंकर के 108 नाम

Shiv Ji 108 Names: शंकर जी को संहार का देवता कहा गया है। सृष्टि की उत्पत्ति, स्थिति एवं संहार के अधिपति शिव जी ही हैं। शिव अनादि तथा सृष्टि प्रक्रिया के आदि स्रोत हैं। लय और प्रलय दोनों ही शिवशंकर के अधीन हैं। आज सोमवार है। आज का दिन भोलेनाथ को समर्पित है। आज के दिन शिवजी की विधिपूर्वक पूजा करने से भक्तों की मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं। कई लोग तो इस दिन व्रत भी करते हैं। वहीं, कंवारी कन्याएं 16 सोमवार के व्रत करती हैं। कहा जाता है कि अगर 16 सोमवार के व्रत किए जाएं तो कुंवारी कन्या को मनवांछित फल मिलता है।

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शिव शंभू, त्रिदेवों में से एक देव हैं। इनकी पत्नी का नाम माता पार्वती है। इनके दो पुत्र हैं जिनका नाम कार्तिकेय और गणेश है। कहा जाता है कि इनकी एक पुत्री भी हैं जिनका नाम अशोक सुंदरी हैं। स्वयंभू शिवशंकर की अराधना शिवलिंग और मूर्ति दोनों रूपों में ही की जाती है। शिव जी के गले में नाग देवता वासुकी और हाथों में डमरू व त्रिशूल मौजूद हैं। इन्हें देवों के देव महादेव भी कहते हैं। वेदों में इनका नाम रुद्र भी बताया गया है। शिवजी के 108 नाम हैं जिनकी जानकारी हम आपको यहां दे रहे हैं।

शिव जी के 108 नाम:

ॐ भोलेनाथ नमः, ॐ कैलाश पति नमः, ॐ भूतनाथ नमः, ॐ नंदराज नमः, ॐ नन्दी की सवारी नमः, ॐ ज्योतिलिंग नमः, ॐ महाकाल नमः, ॐ रुद्रनाथ नमः, ॐ भीमशंकर नमः, ॐ नटराज नमः, ॐ प्रलेयन्कार नमः, ॐ चंद्रमोली नमः, ॐ डमरूधारी नमः, ॐ चंद्रधारी नमः, ॐ मलिकार्जुन नमः, ॐ भीमेश्वर नमः, ॐ विषधारी नमः, ॐ बम भोले नमः, ॐ ओंकार स्वामी नमः, ॐ ओंकारेश्वर नमः, ॐ शंकर त्रिशूलधारी नमः, ॐ विश्वनाथ नमः, ॐ अनादिदेव नमः, ॐ उमापति नमः, ॐ गोरापति नमः, ॐ गणपिता नमः, ॐ भोले बाबा नमः, ॐ शिवजी नमः, ॐ शम्भु नमः, ॐ नीलकंठ नमः, ॐ महाकालेश्वर नमः, ॐ त्रिपुरारी नमः, ॐ त्रिलोकनाथ नमः, ॐ त्रिनेत्रधारी नमः, ॐ बर्फानी बाबा नमः, ॐ जगतपिता नमः, ॐ मृत्युन्जन नमः, ॐ नागधारी नमः, ॐ रामेश्वर नमः, ॐ लंकेश्वर नमः, ॐ अमरनाथ नमः, ॐ केदारनाथ नमः, ॐ मंगलेश्वर नमः, ॐ अर्धनारीश्वर नमः, ॐ नागार्जुन नमः, ॐ जटाधारी नमः, ॐ नीलेश्वर नमः, ॐ गलसर्पमाला नमः, ॐ दीनानाथ नमः, ॐ सोमनाथ नमः, ॐ जोगी नमः, ॐ भंडारी बाबा नमः, ॐ बमलेहरी नमः, ॐ गोरीशंकर नमः, ॐ शिवाकांत नमः, ॐ महेश्वराए नमः, ॐ महेश नमः, ॐ ओलोकानाथ नमः, ॐ आदिनाथ नमः, ॐ देवदेवेश्वर नमः, ॐ प्राणनाथ नमः, ॐ शिवम् नमः, ॐ महादानी नमः, ॐ शिवदानी नमः, ॐ संकटहारी नमः, ॐ महेश्वर नमः, ॐ रुंडमालाधारी नमः, ॐ जगपालनकर्ता नमः, ॐ पशुपति नमः, ॐ संगमेश्वर नमः, ॐ दक्षेश्वर नमः, ॐ घ्रेनश्वर नमः, ॐ मणिमहेश नमः, ॐ अनादी नमः, ॐ अमर नमः, ॐ आशुतोष महाराज नमः, ॐ विलवकेश्वर नमः, ॐ अचलेश्वर नमः, ॐ अभयंकर नमः, ॐ पातालेश्वर नमः, ॐ धूधेश्वर नमः, ॐ सर्पधारी नमः, ॐ त्रिलोकिनरेश नमः, ॐ हठ योगी नमः, ॐ विश्लेश्वर नमः, ॐ नागाधिराज नमः, ॐ सर्वेश्वर नमः, ॐ उमाकांत नमः, ॐ बाबा चंद्रेश्वर नमः, ॐ त्रिकालदर्शी नमः, ॐ त्रिलोकी स्वामी नमः, ॐ महादेव नमः, ॐ गढ़शंकर नमः, ॐ मुक्तेश्वर नमः, ॐ नटेषर नमः, ॐ गिरजापति नमः, ॐ भद्रेश्वर नमः, ॐ त्रिपुनाशक नमः, ॐ निर्जेश्वर नमः, ॐ किरातेश्वर नमः, ॐ जागेश्वर नमः, ॐ अबधूतपति नमः, ॐ भीलपति नमः, ॐ जितनाथ नमः, ॐ वृषेश्वर नमः, ॐ भूतेश्वर नमः, ॐ बैजूनाथ नमःस और ॐ नागेश्वर नमः।


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