ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह में हुए बम धमाकें मामले में आज होगी सुनवाई
11 अक्टूबर 2007 को सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह में हुए बम धमाकें में तीन व्यक्ति मारे गये थे और पंद्रह अन्य घायल हुए थे।
जयपुर। अजमेर की सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह में हुए बम धमाकें मामले में आज सुनवाई होगी। एनआईए ने संघ नेता इंद्रेश कुमार और साध्वी प्रज्ञा को पर्याप्त सुबूत ना होने का हवाला देते हुए क्लीन चिट दी थी। इस पर अदालत ने पूरी विस्तृत रिपोर्ट एनआईए से मांगी थी। अब यह रिपोर्ट अदालत में है और आज अदालत ये फैसला करेगी क्या इन दोनों को क्लीन चिट दिया जाना सही था या इस मामले में इन दोनों का किसी भी तरीके का जुड़ाव था।
जयपुर की एनआईए मामलों की विशेष अदालत ने अजमेर दरगाह बम विस्फोट प्रकरण में शिकायतकर्ता सरवर चिश्ती का पक्ष जानने के लिए 17 अप्रैल को नोटिस जारी किया था। एनआईए की ओर से जज दिनेश चंन्द गुप्ता की अदालत में पेश की गई इन्द्रेश कुमार(आरएसएस पदाधिकारी), साध्वी प्रज्ञा, रमेश मालवंरकर और राजेन्द्र के खिलाफ क्लोजर रिपोर्ट पर अन्तिम निर्णय लेने से पहले शिकायतकर्ता सरवर चिश्ती का पक्ष जानने के लिए नोटिस जारी किया था।
11 अक्टूबर 2007 को सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह में हुए बम धमाकें में तीन व्यक्ति मारे गये थे और पंद्रह अन्य घायल हुए थे। कोर्ट इस मामले में दोषी भावेश पटेल (39)और देवेन्द्र गुप्ता(41) को आजीवन जेल की सजा और जुर्माने से दंडित किया है जबकि स्वामी असीमानंद, हषर्द सौलंकी, मुकेश वासाणी, लोकेश शर्मा,मेहुल कुमार, भरत भाई को सन्देह का लाभ देते हुए बरी कर चुकी है।