मुख्यमंत्री आएं, तभी रुकेगी यात्रा
श्रीविद्या मठ में रविवार को अफरातफरी की स्थिति रही। मठ में संतों का जुटान हुआ, जहां हर हाल में पांच अक्टूबर को 'अन्याय प्रतिकार यात्राÓ निकालने का संकल्प लिया गया। मठ की ओर से विभिन्न राज्यों से लगभग दो हजार संतों के काशी पहुंचने का दावा किया गया। यात्रा को
वाराणसी। श्रीविद्या मठ में रविवार को अफरातफरी की स्थिति रही। मठ में संतों का जुटान हुआ, जहां हर हाल में पांच अक्टूबर को 'अन्याय प्रतिकार यात्राÓ निकालने का संकल्प लिया गया। मठ की ओर से विभिन्न राज्यों से लगभग दो हजार संतों के काशी पहुंचने का दावा किया गया। यात्रा को रोकने के लिए प्रशासन की ओर से संतों की गिरफ्तारी या नजरबंद करने के मद्देनजर भी रणनीति बनाई गई।
यात्रा निकालने पर प्रतिबद्ध - प्रशासन के मान-मनौव्वल के बावजूद संत 'अन्याय प्रतिकार यात्रा ' निकालने पर प्रतिबद्ध दिखे। यात्रा में भाग लेने के लिए रविवार को दिल्ली से साध्वी प्राची, ऋषिकेश से महामंडलेश्वर रामस्वरूप, स्वामी प्रबोधानंद सरस्वती, हरियाणा से स्वामी कल्याण देव, अखिल भारतीय संत समाज के अध्यक्ष स्वामी चक्रपाणि, पटना से महंत नवीन दास सहित अन्य संत पहुंचे। लगभग दो हजार संतों के काशी पहुंचने का दावा किया गया।
गिरफ्तारी या नजरबंद की आशंका - संतों ने प्रशासन की ओर से 'अन्याय प्रतिकार यात्रा ' रोकने की कोशिशों की भत्र्सना की। इस बात की आशंका जताई गई कि प्रशासन इस यात्रा को रोकने के लिए संतों की गिरफ्तारी या उन्हें नजरबंद करने की कोशिश कर सकता है। यह भी कहा गया कि शासन-प्रशासन यूपी की सीमा की नाकेबंदी कर संतों को काशी पहुंचने से रोकने की कोशिश कर रहा है।
नेतृत्व के कई चरण- स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद के सानिध्य में हुई 'यात्रा तैयारी बैठक ' में गिरफ्तारी या नजरबंद होने की स्थिति में भावी रणनीति तय की गई। यात्रा का नेतृत्व स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती करेंगे। उनकी गिरफ्तारी होने पर स्वामी बालक दास व सतुआ बाबा संतोष दास यात्रा की कमान संभालेंगे। यदि इन तीनों की गिरफ्तारी होती है तो अगला तीन नेतृत्व भी तय कर लिया गया है। यह तय किया गया कि यदि यात्रा के दौरान पुलिस रोकती है या बल प्रयोग करती है तो यात्रा में शामिल लोग विरोध या प्रतिकार नहीं करेंगे। वहीं बैठकर सूर्यास्त होने तक 'हर-हर महादेव शंभो-काशी विश्वनाथ गंगे ' का उद्घोष करते हुए भजन-कीर्तन करेंगे।
कई राज्यों से आए आस्थावान- यात्रा में भाग लेने के लिए छत्तीसगढ़ के विधायक मोतीराम चंद्रवंशी सहित मध्यप्रदेश, हरियाणा, दिल्ली, बिहार, उड़ीसा, पश्चिम बंगाल, उत्तरांचल सहित कई राज्यों से आस्थावानों के काशी पहुंचने की सूचना है।
स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद की डीएम व एसएसपी से दो टूक
पांच अक्टूबर को प्रस्तावित 'अन्याय प्रतिकार यात्रा स्थगित करने का आग्रह लेकर संतों को मनाने शनिवार को फिर जिलाधिकारी राजमणि यादव व एसएसपी आकाश कुलहरि श्रीविद्या मठ पहुंचे। हालांकि, संत टस से मस नहीं हुए। इस दौरान स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने उनसे दो टूक कहा कि जब तक मुख्यमंत्री लाठीचार्ज में चोटिल बटुकों के मध्य आकर खेद व्यक्त नहीं करते, अन्याय प्रतिकार यात्रा स्थगित नहीं होगी।
देर शाम केदार घाट स्थित श्रीविद्या मठ पहुंचे जिलाधिकारी व एसएसपी को भी स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने अन्याय प्रतिकार यात्रा में भाग लेने को कहा। उन्होंने यह भी कहा कि आप एक तरफ अन्य संतों को लेकर दुर्गा प्रतिमाओं का विसर्जन करने के लिए तालाब खोदवा रहे हैं, दूसरी तरफ हमारे साथ भी बात करने आ रहे हैं। इस पर डीएम ने कहा कि हम संतों का आशीर्वाद लेना चाहते हैं। स्वामी जी ने कहा कि मुख्यमंत्री संवेदनशीलता का परिचय दें, वे बटुकों के बीच आकर उन पर बरसी लाठियों के लिए खेद व्यक्त करें, यात्रा स्थगित हो जाएगी। यदि सीएम नहीं आते हैं तो यह उनकी संवेदनहीनता होगी। फिर यात्रा सिर्फ पांच अक्टूबर को होकर ही आंदोलन खत्म नहीं होगा। फिर आंदोलन देशव्यापी होगा।
दिया आश्वासन, धर्म यात्रा रहेगी शांतिपूर्ण-स्वामी जी ने डीएम को यह विश्वास भी दिलाया कि पांच अक्टूबर को टाउन हॉल से निकलने वाली 'अन्याय प्रतिकार यात्राÓ शांतिपूर्ण रहेगी। हम सब मौन रहकर अन्याय व अत्याचार का प्रतिकार करेंगे। यात्रा में यदि कोई उत्पाती आया तो स्वयंसेवक उसे पकड़कर प्रशासन को सौंप देंगे। यात्रा ऐसी होगी कि अगले एक दशक तक कहीं भी लाठीचार्ज करने से पहले प्रशासन को हजार बार सोचना होगा।
शिकायत : मंदिर की जमीन पर कब्जा करा रहे थानेदार-स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने डीएम व एसएसपी से भेलूपुर थानाध्यक्ष की शिकायत भी की। कहा कि वह थाने से उत्तर की ओर स्थित डेवढिय़ाबीर मंदिर की जमीन पर दूसरे संप्रदाय का कब्जा करा रहे हैं। यह मामला कभी भी गंभीर हो सकता है। इस पर दोनों अधिकारियों ने कार्रवाई का भरोसा दिलाया। संवाद के दौरान स्वामी जी व अधिकारियों ने मिलकर मीडिया पर भी सवाल उठाए। उनका कहना था कि मीडिया से जुड़े कुछ लोग चाहते हैं कि आग लगी रहे ताकि उन्हें 'मसाला मिलता रहे।