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Lohri 2021: क्या है लोहड़ी का इतिहास और महत्व, जानें इस दिन किए जाने वाले अनुष्ठान

Lohri 2021 सिख समुदाय के लिए लोहड़ी एक बेहद ही महत्वपूर्ण त्यौहार है। यह उत्तर भारत में प्रमुखता से मनाया जाता है। इस त्यौहार को उत्तर भारत में किसानों के त्यौहार के रूप में भी जाना जाता है। इस त्यौहार को मकर संक्रांति से एक रात पहले मनाया जाता है।

By Shilpa SrivastavaEdited By: Published: Tue, 12 Jan 2021 07:00 AM (IST)Updated: Wed, 13 Jan 2021 06:43 AM (IST)
Lohri 2021: क्या है लोहड़ी का इतिहास और महत्व, जानें इस दिन किए जाने वाले अनुष्ठान
Lohri 2021: क्या है लोहड़ी का इतिहास और महत्व, जानें इस दिन किए जाने वाले अनुष्ठान

Lohri 2021: सिख समुदाय के लिए लोहड़ी एक बेहद ही महत्वपूर्ण त्यौहार है। यह उत्तर भारत में प्रमुखता से मनाया जाता है। इस त्यौहार को उत्तर भारत में किसानों के त्यौहार के रूप में भी जाना जाता है। इस त्यौहार को मकर संक्रांति से एक रात पहले मनाया जाता है। भारतीय कैलेंडर के अनुसार, लोहड़ी पौष माह में आती है। तो आइए जानते हैं इसका इतिहास, महत्व और अनुष्ठान।

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लोहड़ी का इतिहास:

कथाओं के अनुसार, अकबर के शासनकाल में पंजाब में दुल्ला भाटी नाम का एक व्यक्ति रहता था। पंजाब में उसे रॉबिन हुड नाम से जाना जाता था। यह गरीबों को धन मुहैया कराना और अगवा की गई लड़कियों को छुड़ाने आदि जैसा काम करता था। वह इन लड़कियों की शादी गांव के लड़कों से कराता था। कहा जाता है कि बिना दुल्ला भाटी को याद किए और सुंदर मुंदरिए गाए यह त्यौहार अधूरा होता है।

लोहड़ी का महत्व:

नई दुल्हन और नवजात शिशु के लिए उनकी पहली लोहड़ी बेहद खास होती है। यह प्रजनन क्षमता को दर्शाता है। किसानों के लिए भी यह त्यौहार बेहद खास होता है।

मकर संक्रांति पर किए जाने वाले अनुष्ठान:

मान्यताओं के अनुसार, लोहड़ी पर रबी की फसल को काटा जाता है। इस दिन लोग लोक नृत्य गिद्दा और भांगड़ा करते हैं। इसके साथ ही लोग लोहड़ी में भुने हुए मकई के फाहे भी मानते हैं। इस दिन पतंगबाजी भी की जाती है। इसे फसल का पर्व भी कहा जाता है। सिख समुदाय के लिए यह त्यौहार बेहद महत्वपूर्ण होता है। साथ ही लोग सुंदर मुंदरिये हो गीत भी गते हैं। साथ ही रेवड़ी और मूंगफली भी आग में फेंकते हैं। इस दिन भोजन में मक्के की रोटी और सरसों के साग को खाने का भी प्रचलन है।

डिस्क्लेमर

'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी। '  


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