डेढ़ लाख गांवों में मनेगा श्रीराम जन्मोत्सव
अपने स्थापना के स्वर्ण जयंती वर्ष के दौरान विश्व हिंदू परिषद ने राम जाप तेज करते हुए करीब डेढ़ लाख गांवों में 22 मार्च से दो अप्रैल तक श्रीराम जन्मोत्सव मनाने की तैयारियां शुरू कर दी हैं। राम नवमी से आरंभ कार्यक्रमों में श्रीरामजन्म भूमि मंदिर निर्माण का संकल्प भी
लखनऊ। अपने स्थापना के स्वर्ण जयंती वर्ष के दौरान विश्व हिंदू परिषद ने राम जाप तेज करते हुए करीब डेढ़ लाख गांवों में 22 मार्च से दो अप्रैल तक श्रीराम जन्मोत्सव मनाने की तैयारियां शुरू कर दी हैं। राम नवमी से आरंभ कार्यक्रमों में श्रीरामजन्म भूमि मंदिर निर्माण का संकल्प भी दोहराया जाएगा।
विहिप के अंतरराष्ट्रीय महामंत्री चम्पत राय ने बताया राम जन्म महोत्सव की शुरुआत अयोध्या में 22 मार्च को होगी। जिला इकाइयों को निर्देश दिए गए हैं कि 22 मार्च से दो अप्रैल तक गांव में प्रभातफेरी, हवन भजन-कीर्तन और सुंदरकांड पाठ जैसे आयोजन होंगे। मंदिर निर्माण की प्रगति बताते हुए सहयोग का संकल्प कराया जाएगा। विहिप नेताओं के अलावा प्रमुख साधु-संत भी इन कार्यक्रमों में शामिल होंगे।
राय का कहना है कि विहिप प्रतिवर्ष इस प्रकार के आयोजन कराती रही है परन्तु स्वर्ण जयंती वर्ष में जन्मोत्सव पूरी तैयारियों के साथ गत वर्ष की तुलना में दोगुना गांवों में मनाने की तैयारी है। गत वर्ष करीब 70 हजार स्थानों पर कार्यक्रम आयोजित किए गए थे। कुछ स्थानों पर कार्यक्रमों में विहिप के प्रमुख नेताओं और संतों को भी भेजने की योजना है। विहिप महामंत्री ने बताया कि स्थापना के 50 वर्ष पूरे होने पर विश्वभर में मनाया जा रहा स्वर्ण जयंती वर्ष जन्माष्टमी तक चलता रहेगा। अब तक देश में 7389 स्थानों पर जनजागरण यात्राएं निकाली गयीं और छह सौ अधिक जिला हिंदू सम्मेलन आयोजित किए जा चुके हैं।
चम्पत राय का कहना है कि विहिप द्वारा घर वापसी कार्यक्रम रोके नहीं गए हैं। 712 ईसवी से हिंदुओं का जबरन धर्मातरण कराया जा रहा है और तब से ही विरोध के साथ घर वापसी के कार्यक्रम हो रहे हैं। उस वक्त कोई विरोध नहीं हुआ तो अब हंगामा करने वालों की मंशा क्या है?
ईश्वरी संभालेंगे राजेश्वर सिंह के दायित्व- धर्मातरण अथवा घर वापसी कार्यक्रमों के जरिए सुर्खियों में आए धर्म जागरण समिति के प्रांत प्रमुख राजेश्वर सिंह का कामकाज ईश्वरी सिंह संभालेंगे। उल्लेखनीय है घर वापसी कार्यक्रमों को लेकर उठे बवाल के बाद राजेश्वर सिंह को दायित्वमुक्त कर दिया गया था।