Move to Jagran APP

Guru Purnima 2022: गुरु पूर्णिमा पर बन रहे एक साथ कई राजयोग, जानिए तिथि, शुभ मुहूर्त और महत्व

Guru Purnima 2022 आषाढ़ मास की पूर्णिमा तिथि के दिन गुरु पूर्णिमा का पर्व मनाया जाता है। इसे व्यास पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन अपने गुरुओं की आदर-सम्मान करने का विधान है। जानिए गुरु पूर्णिमा की तिथि शुभ मुहूर्त और महत्व

By Shivani SinghEdited By: Published: Wed, 15 Jun 2022 07:39 AM (IST)Updated: Wed, 06 Jul 2022 10:00 AM (IST)
Guru Purnima 2022: गुरु पूर्णिमा पर बन रहे एक साथ कई राजयोग, जानिए तिथि, शुभ मुहूर्त और महत्व
Guru Purnima 2022: कब है गुरु पूर्णिमा, जानिए तिथि, शुभ मुहूर्त और महत्व

नई दिल्ली, Guru Purnima 2022: हिंदू कैलेंडर के अनुसार, आषाढ़ महीने की पूर्णिमा तिथि को गुरु पूर्णिमा का पर्व मनाया जाता है। अंग्रेजी कैलेंडर पर जुलाई-अगस्त के महीने में पड़ता है। इस साल गुरु पूर्णिमा 13 जुलाई 2022, बुधवार को पड़ रही है। गुरु पूर्णिमा के दिन 'गुरु' या शिक्षक के महत्व को जानने के रूप में मनाया जाता है। इसी कारण इणसे व्यास पूर्णिमा भी कहा जाता है। शिवपुराण के अनुसार 18वें द्वापर में आज के दिन ही भगवान विष्णु के अंशावतार वेदव्यास जी का जन्म हुआ था। वेदव्यास जी ने महाभारत सहित अट्ठारह पुराणों और ग्रन्थों की भी रचना की थी। इस ग्रथों में से श्रीमदभागवतमहापुराण सबसे बड़ा ग्रंथ माना जाता है। जानिए गुरु पूर्णिमा की तिथि, शुभ मुहूर्त और महत्व।

loksabha election banner

गुरु पूर्णिमा की तिथि और शुभ मुहूर्त

गुरु पूर्णिमा तिथि- 13 जुलाई 2022, बुधवार

आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष पूर्णिमा प्रारंभ - 13 जुलाई सुबह 04 बजकर 1 मिनट से शुरू

आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष पूर्णिमा समाप्त- 14 जुलाई आधी रात 12 बजकर 07 मिनट से

गुरु पूर्णिमा पर रहे खास योग

ज्योतिष गणना के अनुसार, गुरु पूर्णिमा के दिन कुछ राज योग बन रहे हैं। इस साल गुरु पूर्णिमा के दिन मंगल, बुध, गुरु और शनि स्थिति में है। इसके साथ ही पूर्णिमा पर रुचक, भद्र, हंस और शश नामक राजयोग बन रहे हैं। ये योग काफी अच्छे माने जाते हैं।

गुरु पूर्णिमा का महत्व

हिंदू धर्म में गुरु पूर्णिमा का दिन गुरु की पूजा के लिए समर्पित है जो व्यक्ति के जीवन में मार्गदर्शक प्रकाश के रूप में कार्य करते हैं। गुरु ही है जो व्यक्ति को जीवन और मृत्यु के दुष्चक्र से पार करता है और शाश्वत 'आत्मा' या अंतरात्मा की वास्तविकता का एहसास करने में मदद करता है।

आषाढ़ पूर्णिमा के दिन गंगा स्नान के साथ दान काफी अधिक महत्व है। इसके साथ ही मंत्रों के साथ अपने गुरुजनों की भी पूजा करनी चाहिए। क्योंकि गुरु ही ज्ञान के मार्ग से अंधकार को दूर करने में मदद करता है। आज के दिन केवल गुरु ही नहीं बल्कि अपने सभी बड़े सदस्यों के प्रति आभार व्यक्त करना चाहिए और उनको गुरु के समान समझकर आदर करना चाहिए।

गुरु पूर्णिमा पर इस श्लोक से करें गुरु की प्रार्थना

गुरुर ब्रह्मा गुरुर विष्णु गुरुर देवो महेश्वरः

गुरुः साक्षात्परब्रह्मा तस्मै श्री गुरुवे नमः

Pic Credit- Instagram

डिसक्लेमर

'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.