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बहन सुभद्रा संग गुंडिचा मंदिर पहुंचे महाप्रभु

भगवान श्रीजगन्नाथ एवं देवी सुभद्रा के रथ कल गुंडिचा मंदिर पहुंचाए गए। बारिश के बावजूद रथ खींचने में भक्तों के उत्साह में कोई कमी नहीं देखी गई। रथयात्रा की तरह बृहस्पतिवार को भी पुरी में लाखों श्रद्धालु एकत्र हुए। लोगों के इस आगमन से एक बात साफ हो जाती है कि भगवान जगन्नाथ ओडिशा की संस्कृति में इस कदर रच बस गए हैं कि लोग

By Edited By: Published: Fri, 12 Jul 2013 04:21 PM (IST)Updated: Fri, 12 Jul 2013 04:35 PM (IST)
बहन सुभद्रा संग गुंडिचा मंदिर पहुंचे महाप्रभु

पुरी। भगवान श्रीजगन्नाथ एवं देवी सुभद्रा के रथ कल गुंडिचा मंदिर पहुंचाए गए। बारिश के बावजूद रथ खींचने में भक्तों के उत्साह में कोई कमी नहीं देखी गई। रथयात्रा की तरह बृहस्पतिवार को भी पुरी में लाखों श्रद्धालु एकत्र हुए।

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लोगों के इस आगमन से एक बात साफ हो जाती है कि भगवान जगन्नाथ ओडिशा की संस्कृति में इस कदर रच बस गए हैं कि लोग अपने आराध्य की एक झलक पाने और उनके रथ को खींचने का आकर्षण छोड़ नहींपाते। भगवान के रथ को खींचने का आकर्षण व लोभ लाखों भक्तों को आज भी पुरी खींच लाया।

मौसम प्रतिकूल होने के बावजूद बड़दांड भक्तों से पटा था। मेडिकल चौक पर अटके देवी सुभद्रा के दर्पदलन रथ एवं बलगंडि में अटके जगन्नाथ जी के रथ नन्दीघोष को गुरुवार को श्रद्धालुओं ने अत्यंत हर्ष के साथ खींचकर गुंडिचा मंदिर पहूंचया। घुटनों तक पानी भरे होने के बावजूद लोगों के उत्साह में कोई कमी नहीं आई। भक्तों का हुजूम जय जगन्नाथ, जगन्नाथ स्वामी नयनपथगामी भव तु मे.हरी बोल की ध्वनि से बड़दांड को प्रकंपित कर रहा था। बुधवार को रातभर रथों पर भगवान के दर्शन करने के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ लगी थी। गुरुवार की सुबह रथ पर पूजा-अर्चना के बाद रथ खींचा गया। सबसे पहले देवी सुभद्रा का दर्पदलन यानी देवदलन रथ अस्पताल चौक से आगे खींचा गया। बाद में भगवान श्री जगन्नाथ का नन्दीघोष रथ खींचने के लिए लोगों में जोश देखा गया। बड़शंख इलाके में जलभराव होने के बावजूद लोग उत्साहपूर्वक रथ खींचने में जुटे रहे। पुरी एवं आसपास के लाखों श्रद्धालु बड़दांड में उपस्थित थे। दोपहर एक बजे तक दोनों रथ श्रीगुंडिचा पहुंच गए। हरिबोल हुलहुली के ध्वनि के मध्य भगवान का रथ पानी में चल रहा था तो ऐस लग रहा था माने कि समुद्र में रथ तैरता हुआ आगे बढ़ रहा हो।

रथयात्र के दौरान दो की मौत-

भगवान जगन्नाथ के रथ के पहिए के नीचे आकर घायल हुए सेवायत भ्रमर भोई का इलाज कटक के श्रीरामचन्द्र भंज मेडिकल कॉलेज में हो रहा है। बुधवार को बलगंडी के निकट अक्षयपात्र फाउंडेशन के निकट भोई सेवायत भ्रमर जब रथ मोड़ के लिए रस्सी डाल रहे थे तो अचानक भक्तों के रथ खींचने से वे रथ के पहिये की चपेट में आ गए। हालांकि उन्हे बचाने के लिए तुरंत रथ रोक दिया गया मगर भ्रमर को गंभीर चोट लगी। पुरी निकटस्थ हरेकृष्ण पुर के निवासी भ्रमर जगन्नाथ के रथ में भोई सेवक के तौर पर सेवा दे रहे थे। रथ संचालन में इन भोई सेवकों की महत्वपूर्ण भूमिका रहती है। उधर, राज्य के शेर एवं छेंडीपदा में रथयात्रा के दौरान असावधानी के चलते रथ के पहिए के नीचे आकर दो भक्तों की मौत हो गई। भुवनेश्वर के नन्दनकान में रथ का पहिया टूट गया। पाललहड़ा में चार, सोर में एक और टेनसा में एक भक्त के जख्मी होने की खबर है।

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