सनातन संस्कृति में अर्द्धकुंभ का बड़ा महत्व, जानने के लिए पढ़ें खबर
अर्द्धकुंभ सनातन संस्कृति में कई तरह से महत्वपूर्ण है। अर्द्धकुंभ में पड़ने वाले पर्व स्नानों पर गंगा स्नान से मनुष्य को पापों से मुक्ति मिलती है।
हरिद्वार। अर्द्धकुंभ सनातन संस्कृति में कई तरह से महत्वपूर्ण है। अर्द्धकुंभ में पड़ने वाले पर्व स्नानों पर गंगा स्नान से मनुष्य को पापों से मुक्ति मिलती है। यह बात श्रीमज्जदगुरु रामानंदाचार्य स्वामी हंसदेवाचार्य ने अर्द्धकुंभ के दूसरे पर्व स्नान पर गंगा स्नान के उपरांत पत्रकारों से वार्ता में कही।
मौनी अमावस्या पर श्रीमज्जदगुरु रामानंदाचार्य स्वामी हंसदेवाचार्य महाराज ने संतों के साथ गंगा स्नान किया। स्नान के उपरांत उन्होंने हरकी पैड़ी पर अर्द्धकुंभ की सफलता के लिए गंगा-पूजन भी किया। चार फरवरी को सीएम ने भी उनसे भेंट कर अर्द्धकुंभ के दूसरे पर्व स्नान पर गंगा स्नान का आह्वान किया था।
इस दौरान उन्होंने कहा कि अर्द्धकुंभ पर्व अत्यंत पुण्यदायी होने के कारण हरिद्वार में गंगा स्नान करने से अनंत पुण्य लाभ प्राप्त होता है, इसीलिए यहां लाखों श्रद्धालु एक स्थान पर एकत्रित होते हैं। उन्होंने कहा कि गंगा यमुना सरस्वती गोदावरी एवं शिप्रा इन नदियों के क्षेत्र में कुंभ और अर्द्धकुंभ मेले का आयोजन किया जाता है।
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