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राधारमण न होंगे हमजोली, खेलेंगे विरह की होली

नंदगांव के हुरियारों को संकेत वन से राधारमण बिहारी का आशीर्वाद न मिल पाने के कारण इस बार प्रेमभरा गुलाल नहीं, बल्कि मायूसी का गुबार उड़ेगा। ऐसा हुआ तो 550 वर्ष पुरानी परंपरा टूट जाएगी। संकेत क्षेत्र के लोगों ने तीन माह पूर्व चोरी गई मूर्तियां न मिलने पर होली न खेलने का मन बनाया है। शनिवार क

By Edited By: Published: Sun, 02 Mar 2014 06:41 PM (IST)Updated: Sun, 02 Mar 2014 06:43 PM (IST)
राधारमण न होंगे हमजोली, खेलेंगे विरह की होली

मथुरा, जागरण संवाददाता। नंदगांव के हुरियारों को संकेत वन से राधारमण बिहारी का आशीर्वाद न मिल पाने के कारण इस बार प्रेमभरा गुलाल नहीं, बल्कि मायूसी का गुबार उड़ेगा। ऐसा हुआ तो 550 वर्ष पुरानी परंपरा टूट जाएगी। संकेत क्षेत्र के लोगों ने तीन माह पूर्व चोरी गई मूर्तियां न मिलने पर होली न खेलने का मन बनाया है। शनिवार को पुलिस ने कई लोगों को हिरासत में लिया है। उनसे पूछताछ की जा रही है।

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दरअसल, नंदगांव के हुरियारे घरों से सजधज कर समाज गायन करते हुए होली खेलने बरसाना जाते हैं। पहले वे संकेत वन पहुंचते हैं। वहां ठाकुर श्री राधारमण बिहारी के मंदिर में गुलाल अर्पित करके उनसे होली खेलने का आशीर्वाद लेते हैं। फिर नाचते-गाते हुए बरसाना पहुंचते हैं। साढ़े पांच सौ सालों से यह परंपरा निभाई जा रही है। मगर संकेत वन के मंदिर से पिछले साल दिसंबर में चोर राधारमण की प्राचीन मूर्तियों को चुरा ले गए थे। आज तक पुलिस मूर्तियों को बरामद नहीं कर सकी। तबसे संकेत वन का मंदिर सूना पड़ा है। इसके चलते नृत्य और होली का धमाल भी संकेत वन में नहीं होगा। मूर्तियों की बरामदगी को लेकर संकेत वन वासी धरने पर बैठे हुए हैं। उनका संकल्प है कि वे बिना ठाकुर जी के होली नहीं खेलेंगे।

लाड़लीजी मंदिर के सेवायत रास बिहारी गोस्वामी ने बताया कि लठामार होली तो होगी, पर यह ठाकुरजी के आशीर्वाद के बिना अधूरी ही रह जाएगी। शंकर जादौन, नंदगांव निवासी हुकम चंद और राधागोविंद गोस्वामी ने बताया कि बरसाना की होली में एक परंपरा अधूरी रहने जा रही है। एसपी देहात शगुन गौतम ने बताया कि मूर्तियों की बरामदगी के प्रयास तेज कर दिए गए हैं।

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