सरस्वती देवी के यह मंत्र बहुत फलदायी कहे गए हैं
हे मां भगवती सरस्वती, आप मेरी सारी मानसिक जड़ता को दूर करो, हे सर्वत्र-विद्यमान विद्या देवी, आपको मेरा बार-बार नमस्कार !
मां सरस्वती की कृपा से ही विद्या, बुद्धि, वाणी और ज्ञान की प्राप्ति होती है। सरस्वती देवी के मंत्र बहुत फलदायी कहे गए हैं। इनके द्वारा सरस्वती साधना करने से साधक को स्मरण शक्ति , बुद्धि, विद्या और अच्छा स्वास्थ्य सभी कुछ प्राप्त होता है। विद्ध्यार्थियों और प्रतियोगी परीक्षा मे भाग लेने वाले व्यक्तियों को सरस्वती मंत्र का जप अवश्य ही करना चाहिए।
प्रार्थना
या कुन्देन्दुतुषारहारधवला या शुभ्रवस्त्रावृता
या वीणावरदण्डमण्डितकरा या श्वेतपद्मासना।
या ब्रह्माच्युत शंकरप्रभृतिभिर्देवैः सदा वन्दिता
सा मां पातु सरस्वती भगवती निःशेषजाड्यापहा॥१॥
श्लोक अर्थ - जो विद्या की देवी भगवती सरस्वती कुन्द के फूल, चन्द्रमा, हिमराशि और मोती के हार की तरह धवल वर्ण की हैं और जो श्वेत वस्त्र धारण करती हैं, जिनके हाथ में वीणा-दण्ड शोभायमान है, जिन्होंने श्वेत कमलों पर आसन ग्रहण किया है तथा ब्रह्मा, विष्णु एवं शंकर शङ्कर आदि देवताओं द्वारा जो सदा पूजित हैं, वही सम्पूर्ण जड़ता और अज्ञान को दूर कर देने वाली माँ सरस्वती हमारी रक्षा करें।
माँ सरस्वती की वंदना एवं मंत्र
" या कुंदेंदुतुषारहारधवला या शुभ्रवस्त्रावृता
या वीणावरदण्डमंडितकरा या श्वेतपद्मासना !
या ब्रह्माच्युतशंकरप्रभ्रृतिभिर्देवै: सदा वन्दिता
सा मां पातु सरस्वती भगवती नि:शेषजाड्यापहा ! "
अर्थात -
जो चन्द्रमा समान मुखमंडल लिए, हिम जैसे श्वेत कुंद फूलों के हार और शुभ्र वस्त्रों से अलंकृत हैं ,
जो हाथों में श्रेष्ठ वीणा लिए श्वेत कमल पर विराजमान हैं, ब्रह्मा, विष्णु और महेश आदि देवगण भी जिनकी सदैव स्तुति करते हैं , हे मां भगवती सरस्वती, आप मेरी सारी मानसिक जड़ता को दूर करो, हे सर्वत्र-विद्यमान विद्या देवी, आपको मेरा बार-बार नमस्कार !
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