Move to Jagran APP

Ganeshotsav 2020: गणेश जी के पांचवे अवतार हैं विकट, जानें क्यों लिया था यह अवतार

Ganeshotsav 2020 आज हम आपके लिए गणेश जी के पांचवे अवतार यानी विकट के बारे में बता रहे हैं। तो आइए जानते हैं कि गणेश जी ने विकट अवतार आखिर क्यों धारण किया।

By Shilpa SrivastavaEdited By: Published: Sat, 29 Aug 2020 10:00 AM (IST)Updated: Sat, 29 Aug 2020 02:40 PM (IST)
Ganeshotsav 2020: गणेश जी के पांचवे अवतार हैं विकट, जानें क्यों लिया था यह अवतार
Ganeshotsav 2020: गणेश जी के पांचवे अवतार हैं विकट, जानें क्यों लिया था यह अवतार

Ganeshotsav 2020: जागरण अध्यात्म आपके लिए लगातार गणेश जी के 8 अवतारों की जानकारी ला रहा है। अभी तक हम आपको गणपति बप्पा के 4 अवतारों के बारे में बता चुके हैं और आज हम आपके लिए गणेश जी के पांचवे अवतार यानी विकट के बारे में बता रहे हैं। तो आइए जानते हैं कि गणेश जी ने विकट अवतार आखिर क्यों धारण किया।

loksabha election banner

गणेश जी ने धारण किया था विकट अवतार:

पौराणिक कथा के अनुसार, भगवान विष्णु का अंश था कामासुर। विष्णु जी ने जलंधर नाम के एक राक्षस को खत्म करने के लिए उसकी पत्नी का सीतत्व भंग किया था। इसी से कामासुर की उत्पत्ति हुई थी। कामासुर अत्यंत तेजस्वी था। कामाग्नि की भावना से पैदा होने के चलते उसका नाम कामासुर पड़ा था। इस दैत्य ने शुक्राचार्य से शिक्षा प्राप्त की थी जो एक दैत्य गुरू थे। कामासुर ब्रह्माण्ड को जीतना चाहता था और शुक्राचार्य ने उसकी इस इच्छा को जानने के बाद उसे शिव को प्रसन्न करने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि उसे शिव की कठोर तपस्या करनी होगी।

इसके बाद से ही कामासुर ने भगवान शिव के पंचाक्षरी मंत्र का जाप करना शुरू किया। उसने अन्न, जल सब त्याग दिया। उसका शरीर भी जीर्ण शीर्ण हो गया। उसकी तपस्या से प्रसन्न होकर शिवजी ने उसे दर्शन दिए और वर मांगने को कहा। उसने शिवजी से वरदान में ब्रह्माण्ड का स्वामी, शिवभक्ति और मृत्युन्जयी का वर मांगा। वरदान मिलने के बाद से ही कामासुर ने पृथ्वी के समस्त राजाओं को पराजित कर पृथ्वी पर आधिपत्य स्थापित कर लिया। उसके बाद स्वर्ग पर भी कब्जा कर लिाय। इसके बाद सभी देवी-देवताओं और ऋषि-मुनि ने महर्षि मुद्गल के मार्ग दर्शन में कामासुर से निजात पाने के लिए गणपति बप्पा की अर्चना और उपासना की। उनकी उपासना से प्रसन्न होकर गणेश जी ने विकट अवतार लिया।

गणपति बप्पा के विकट रूप की सवारी मयूर है। सभी ने विकट अवतार के साथ मिलकर कामासुर के साथ युद्ध किया। इस युद्ध में कामासुर के दोनों पुत्र मारे गए। यह देख कामासुर भी समझ गया कि वो जीत नहीं सकता है। ऐसे में विकट के गुस्से से बचने के लिए उसने उनकी शरण ले ली और माफी मांगी।  


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.