Ganapati Visarjan 2020: आज अनंत चतुर्दशी पर क्यों किया जाता है गणपति बप्पा का विर्सजन, पढ़ें यह कथा
Ganapati Visarjan 2020 गणेश चुतर्थी के दिन लोग अपने घरों में गणेश जी की प्रतिमा का स्थापित करते हैं। फिर इन्हें पूरे आदर-सत्कार के साथ एक तीन पांच या दस दिन अपने घर पर रखते हैं.
Ganapati Visarjan 2020: गणेश चुतर्थी के दिन लोग अपने घरों में गणेश जी की प्रतिमा का स्थापित करते हैं। फिर इन्हें पूरे आदर-सत्कार के साथ एक, तीन, पांच या दस दिन अपने घर पर रखते हैं और इसके बाद इनका विधि-विधान के साथ विसर्जन करते हैं। लेकिन क्या कभी आपने इस बात पर गौर किया है कि जिन्हें हम इतने आदर-सत्कार के साथ घर लाए हैं उन्हें हम विसर्जित क्यों कर देते हैं? इसके पीछे एक पौराणिक कथा छिपी हुई है। आइए जानते हैं कि गणपति बप्पा को विसर्जित करने के पीछे क्या कथा है।
मान्यता है कि गणपति बप्पा जल तत्व के अधिपति हैं। गणेश विसर्जन का मुख्य कारण यह है कि पूरे विधि-विधान के बाद अनंत चतुर्दशी के दिन भगवान गणपति को जल में विसर्जित कर दिया जाता है क्योंकि वो जल तत्व के अधिपति हैं। हालांकि, गणेश विसर्जन को लेकर कई और कथाएं भी हैं जिनका जिक्र किया जाता है।
महाभारत से जुड़ी गणेश विसर्जन की कथा:
पुराणों के अनुसार, गणेश जी को श्री वेद व्यास जी महाभारत की कथा सुनना गणेश चतुर्थी से शुरू किया था। वेद व्यास जी कथा सुना रहे थे और गणपति बप्पा उसे लिख रहे थे। कथा सुनाते समय वेद व्यास जी ने अपने नेत्र बंद कर लिए। वो 10 दिन तक कथा सुनाते गए और बप्पा उसे लिखते गए। लेकिन जब दस दिन बाद वेद व्यास जी ने अपने नेत्र खोले तो देखा कि गणपति जी के शरीर का तापमान बहुत ज्यादा बढ़ गया था। वेद व्यास जी ने उनका शरीर ठंडा करने के लिए ही उनके जल में डुबा दिया जिससे उनका शरीर ठंडा हो गया। कहा जाता है कि उसी समय से यह मान्यता चली आ रही है कि गणेश जी को शीतल करने के लिए ही गणेश विसर्जन किया जाता है। इसके बाद वेद व्यास जी ने 10 दिनों तक गणपति जी को उनका पसंदीदा खाना खिलाया।