प्रभु की पटरी पर आस्था की रेल
प्रभु की पटरी पर आस्था की रेल भी सरपट दौड़ेगी। इसके तहत धार्मिक स्थलों को जोड़ने के लिए खास ट्रेनें चलाई जाएंगी। तीर्थ स्थलों पर श्रद्धालुओं की बढ़ती भीड़ को देखते हुए रेलवे स्टेशनों को आधुनिक सुविधाओं से लैस किया जाएगा। धार्मिक स्थलों को विकसित भी करने की योजना है, जहां
नई दिल्ली। प्रभु की पटरी पर आस्था की रेल भी सरपट दौड़ेगी। इसके तहत धार्मिक स्थलों को जोड़ने के लिए
खास ट्रेनें चलाई जाएंगी। तीर्थ स्थलों पर श्रद्धालुओं की बढ़ती भीड़ को देखते हुए रेलवे स्टेशनों को आधुनिक सुविधाओं से लैस किया जाएगा। धार्मिक स्थलों को विकसित भी करने की योजना है, जहां से ट्रेनों की आवाजाही भी बढ़ाई जाएगी।
श्रद्धालुओं को जहां सुविधा मिलेगी और आने-जाने में आसानी होगी। रेलवे अपनी आय को भी बढ़ाएगा। रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने कहा कि आस्था के इन स्थलों की ओर भारतीय यात्रियों का रुझान रहा है। इस स्वाभाविक रुझान को
देखते हुए ऐसे प्रमुख केंद्रों के रेलवे स्टेशनों का सौंदर्यीकरण कराया जाएगा। प्रभु ने कहा कि यहां यात्रियों की सुविधाओं की व्यवस्था की जाएगी। रेलवे इन धार्मिक शहरों के स्टेशनों को विकसित करने को प्राथमिकता दी जाएगी।
रेल बजट में जिन शहरों को प्राथमिकता के आधार पर जिक्र किया गया है, उनमें अजमेर, अमृतसर, बिहार शरीफ, चेंगनूर, द्वारका, गया, हरिद्वार, मथुरा, नागपट्टनम, नांदेड़, नासिक, पाली, पारसनाथ, पुरी, तिरुपति, वेलंकन्नी, वाराणसी और वास्को के नाम प्रमुख हैं। इसमें सभी धार्मिक स्थलों के नाम शामिल किए गए हैं। हालांकि सरकार इनमें कई शहरों को जोड़ने के लिए ट्रेन चलाती है, लेकिन उनके स्टेशनों पर धार्मिक श्रद्धालुओं
की भीड़ बढ़ने की दशा में बुनियादी सुविधाएं नहीं होती हैं। धार्मिक श्रद्धालुओं को होने वाली इन्हीं मुश्किलों को
कम करने के लिए ही रेल मंत्री ने इनके विकास को प्राथमिकता देने की बात कही है। आस्था के इन केंद्रों को जोड़ने के लिए कुछ और ट्रेनों के चलाने की योजना है।