पितृपक्ष मेला समाप्ति पर
पितृपक्ष मेला -14 अब बिल्कुल अंतिम चरण में पहुंच गया है। मेला समाप्ति के अब मात्र दो दिन शेष रह गए हैं। ऐसे में जो पिंडदानी यहां उपस्थित हैं, वे यथाशीघ्र कर्मकांड करने के उपरांत गयाधाम से विदा लेना चाहते हैं। उन्हें घर लौटने की जल्दी है। जो सूचना मिली रही है अब यहां एक या फिर दो दिवसीय पिंडदान करने वाले ही पिंडदानी दिखाई
गया नगर। पितृपक्ष मेला -14 अब बिल्कुल अंतिम चरण में पहुंच गया है। मेला समाप्ति के अब मात्र दो दिन शेष रह गए हैं। ऐसे में जो पिंडदानी यहां उपस्थित हैं, वे यथाशीघ्र कर्मकांड करने के उपरांत गयाधाम से विदा लेना चाहते हैं। उन्हें घर लौटने की जल्दी है।
जो सूचना मिली रही है अब यहां एक या फिर दो दिवसीय पिंडदान करने वाले ही पिंडदानी दिखाई दे रहे हैं। वैसे ंिपंडदानी अपने-अपने पुरोहितों से एक दिवसीय पिंडदान के बारे में दूरभाष पर सम्पर्क कर समय ले रहे हैं। ताकि उन्हें गयाधाम आने के बाद कोई परेशानी नहीं हो। इधर विष्णुपद मंदिर परिसर सहित अन्य पिंडवेदियों पर सोमवार को पिंडदानियों की बहुत ही कम उपस्थित देखी गयी। लेकिन उपस्थित पिंडदानी हल्की बारिश में भी पूरे विधि विधान के साथ कर्मकांड कर रहे थे। बारिश की पानी उनके कर्मकांड में बाधक नहीं बन रही थी। विष्णुपद मंदिर परिसर में 12 दिनों तक विशेष चहल-पहल रहा।
लेकिन यहां अब आम दिनों की तरह पिंडदानियों की उपस्थित रही। मेला के अंतिम दिन यानि 24 सितम्बर को महाल्या होने के कारण स्थानीय लोगों की अधिक भीड़ रहेगी।
महाल्या तिथि को स्थानीय लोग अपने-अपने पूर्वजों को जलांजलि देंगे। इस कारण से विष्णुपद मंदिर स्थित देवघाट सहित अन्य स्थानों पर विशेष भीड़ रहने की उम्मीद है। इस दिन के भीड़ को नियंत्रित करने में जिला प्रशासन को शक्ति लगानी पड़ सकती है।