Eid-ul-Fitr 2020 Moon Sighting: भारत में 25 मई को मनाई जाएगी ईद उल फितर, आज नहीं दिखा चांद
Eid-ul-Fitr 2020 Moon Sighting मुस्लिम समुदाय के लिए चांद बहुत खास महत्व है और ये उनकी ज़िंदगी का अहम हिस्सा होता है क्योंकि इससे सबसे महत्वपूर्ण दिन की शुरुआत होती है।
नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Eid-ul-Fitr 2020 Moon Sighting: जामा मस्जिद के इमाम ने कहा है कि चांद आज नहीं दिखा, इसलिए देशभर में सोमवार यानी 25 मई को ईद मनाई जाएगी। ईद-उल-फितर का त्योहार मुस्लिम समुदाय के प्रमुख त्योहारों में से एक है। इस ईद से पहले पूरा एक महीना अल्लाह की इबादत में रोज़ा रखा जाता है और अपनी आत्मा का पाक़ किया जाता है। इस एक महीने बाद अज्र मिलने का दिन ही ईद कहलाता है।
ये त्योहार चांद से जुड़ा हुआ है इसीलिए ईद के दिन चांद का बड़ा महत्व होता है। आप मुस्लिम हैं या नहीं, इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता है लेकिन आपको ईद के चांद के महत्व के बारे में पता होना चाहिए। मुस्लिम समुदाय के लिए चांद बहुत खास महत्व रखता है और ये उनकी ज़िंदगी का अहम हिस्सा होता है क्योंकि इससे उनकी ज़िंदगी के सबसे महत्वपूर्ण दिन की शुरुआत होती है।
चांद का महत्व
मुस्लिम धर्म के अनुयायी विशेष पंचांग या कैलेंडर को मानते हैं जो कि चंद्रमा की उपस्थिति और अवलोकन द्वारा निर्धारित किया गया है। रमज़ान के 29-30 दिनों के बाद ईद का चांद नज़र आता है। रमज़ान के महीने की शुरुआत भी चांद से होती है और ख़त्म भी चांद देखने से होता है।
रमज़ान पूरा होना
रमज़ान के महीने का ख़त्म होना भी मुस्लिम समुदाय के लिए बहुत महत्वपूर्ण त्योहार माना जाता है। मुस्लिम धर्म के लोग इस दिन बड़ी बेसब्री से आसमान में चांद के निकलने का इंतज़ार करते हैं। 29 दिन के रमज़ान महीने के पूरा होने के बाद चांद दिखाई देता है। अगर बादल हो तो उस दिन पृथ्वी के कुछ हिस्सों में चांद दिखाई नहीं दे सकता है लेकिन इससे इस दिन का महत्व कम नहीं होता है।
इस दिन मुस्लिम धर्म को मानने वाले चाहे दुनिया के किसी भी कोने में क्यों ना हो वो चांद का दीदार ज़रूर करते हैं। पहले दिन से रमज़ान के 29वें दिन के बाद ईद का त्योहार मनाया जाता है।
रोज़े खत्म होना
रमज़ान के महीने में मुस्लिम समुदाय के लोग 29-30 दिन तक रोज़ा रखते हैं। इस दौरान 15 घंटे बिना खाने और पानी के रहना होता है और अल्लाह की इबादत करनी होती है। लोग रोज़ा रखने से सेहत को होने वाले फायदों पर यकीन रखते हैं और मुस्लिमों में इस परंपरा को बेहत शुभ माना जाता है। रमज़ान के महीने में 29वें दिन चांद देखकर रोज़ा तोड़ा जाता है।