Makar Sankranti 2019: राशि के अनुसार इन चीजों का दान करना होता है शुभ
14 जनवरी 2019 को मकर संक्रांति पर्व् पड़ रहा है इस दिन दान पुण्य अत्याधिक महत्व बताया गया है। पंडित दीपक पांडे से जाने राशि अनुसार किन चीजों का दान करने से मिलेगा सर्वोत्तम फल।
14 व 15 जनवरी दोनों दिन हैं संक्रांति का मुहूर्त
मकर संक्रांति के दिन दान पुण्य करना अत्यंत शुभ माना जाता है। इस मकर संक्रांति स्नान का पुण्य काल दिनांक 14 जनवरी 2019 की अर्द्धरात्रि 2 बजकर 20 मिनट से दिनांक 15 जनवरी 2019 को प्रात:काल से लेकर सायंकाल 6 बजकर 20 मिनट तक माना जायेगा। इस अवधि में पवित्र नदियों में स्नान के साथ दान दक्षिणा देने से अत्यंत लाभ प्राप्त होता है। इसके साथ ही यदि आप अपनी राशि के अनुसार उपयुक्त दान देंगे तो आैर भी उत्तम रहेगा।
राशि के अनुसार करे दान
मकर संक्रांति पर यहां दी सूची से अपनी राशि अनुसार चीजों का दान करें। मेष राशि वालों को काले तिल या उससे बनी चीजों का दान करना चाहिए। वृष राशि वालों को सफेद तिल, उससे बनी चीजें आैर घी का दान करना चाहिए। मिथुन राशि वालों को गुड़ का दान करना चाहिए। कर्क राशि वाले घी का दान करें। सिंह राशि के लोग लाल चंदन आैर गुड़ का दान करें तो अत्यंत फलदार्इ रहेगा। कन्या राशि वाले गुड़ का दान करें। श्वेत वस्त्र आैर घी का दान करने से तुला राशि वालों को लाभ होगा। जबकि वृश्चिक राशि के लोग तांबे सिक्के या तांबे का पात्र दान करें। धनु राशि वालों को हल्दी की गांठ आैर चावल का दान करना चाहिए। मकर राशि वालों को मूंग दाल का दान लाभप्रद रहेगा। कुंभ राशि वाले काले उरद की दाल करें आैर पंचाग यानि पत्रे के दान से मीन राशि वालों को लाभ मिलेगा।
मकर संक्रांति का अर्थ उत्तरायण नहीं
कर्इ स्थानों पर मकर संक्रान्ति पर्व को उत्तरायणी भी कहते हैं , यह भ्रान्ति गलत है कि उत्तरायण भी इसी दिन होता है । दोनों एक दूसरे से भिन्न हैं। वास्तव में उत्तरायण का प्रारंभ 21 या 22 दिसम्बर को हो जाता है। हालाकि लगभग 1800 वर्ष पूर्व यह स्थिति उत्तरायण की स्थिति के साथ ही होती थी, शायद तभी से इसको व उत्तरायण को कुछ स्थानों पर एक ही समझा जाता है। तमिलनाडु में इसे पोंगल नामक उत्सव के रूप में मनाते हैं जबकि कर्नाटक, केरल तथा आंध्र प्रदेश में इसे केवल संक्रांति ही कहते हैं। शास्त्रों के अनुसार, दक्षिणायण को देवताओं की रात्रि अर्थात् नकारात्मकता आैर उत्तरायण को देवताओं का दिन अर्थात् सकारात्मकता का प्रतीक माना गया है। इसीलिए इस दिन जप, तप, दान, स्नान, श्राद्ध, तर्पण आदि धार्मिक क्रियाकलापों का विशेष महत्व है। ऐसी धारणा है कि इस अवसर पर दिया गया दान सौ गुना बढ़कर पुन: प्राप्त होता है। इस दिन शुद्ध घी एवं कम्बल का दान मोक्ष की प्राप्ति करवाता है।