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Corona Epidemic: शनि-मंगल के जीवनशैली को अपनाकर होगा बचाव, भारत के लिए बन सकता है स्वर्ण योग

Corona Epidemicकोरोना महामारी राहु और केतु ने उत्पन्न की है। शनि और मंगल की मकर राशि से शत्रुता से बने युति योग ने आग में घी डालने का काम कर दिया।

By Kartikey TiwariEdited By: Published: Thu, 09 Apr 2020 03:48 PM (IST)Updated: Thu, 09 Apr 2020 03:52 PM (IST)
Corona Epidemic: शनि-मंगल के जीवनशैली को अपनाकर होगा बचाव, भारत के लिए बन सकता है स्वर्ण योग
Corona Epidemic: शनि-मंगल के जीवनशैली को अपनाकर होगा बचाव, भारत के लिए बन सकता है स्वर्ण योग

Corona Epidemic: कोरोना महामारी की त्रासदी ने विश्व समूदाय को त्रस्त कर दिया है। ऐसी महामारी का प्रकोप दुनिया के लिए कुछ नया नहीं है और ऐसी अनेक महामारियों ने समय-समय पर मानवता को परेशान किया है। प्लेग, चेचक जैसी महामारियां अनेक बार हाहाकर मचा चूकि हैं, परंतु विजय हमेशा मानव सभ्यता की ही हुई है। ज्योतिष के उपकरणों के प्रयोग से भी कुछ ऐसा ही नतीजा सामने आता दिखाई दे रहा है।

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श्री विश्वविजय पंचांग ने पहले ही कर दी थी भविष्यवाणी

श्री विश्वविजय पंचांग ने दिसंबर 2018 में स्पष्ट भविष्यवाणी की थी कि जनवरी 2020 के बाद जगत में किसी बड़ी महामारी का प्रकोप रहेगा। अंतरराष्ट्रीय कूटनीति में उथल-पुथल मच जाएगी और अंतरराष्ट्रीय अर्थव्यवस्था धरातल पर एकएक गिर जाएगी। इसी पंचांग ने अपने 76वे अंक में पेज 41, 44और 44 पर लिखा था, "मानवकृत त्रासदियों से जन साधारण त्रस्त होंगे। इस संवत् (अप्रैल 2019 से अप्रैल 2020) में राष्ट्र अध्यक्ष के युद्धमय वातावरण और परस्पर तनाव के कारण तथा अच्छी फसल के उपरांत भी भय एवं आशंकाओ से भरा वातावरण रहता है। अनेक रोगों और भय के कारण सभी प्राणी कष्ट प्राप्त करते है।"

युक्ति योग के कारण बनी वर्तमान परिस्थिति

यह वर्तमान परिस्थिति शनि, मंगल और गुरु के मकर राशि में बन रहे युक्ति योग के कारण उत्पन्न हो रही है। श्री विश्वविजय पंचांग ने दिसंबर 2018 में बताया था कि 23 जनवरी 2020 के बाद रोग और युद्ध के कारण प्रजा का विनाश हो सकता है और युद्ध भय बना रह सकता है। ज्योतिष में इस महामारी की पूर्व सूचना देनी की क्षमता है, तो इस महामारी से बचने के उपाए भी हैं। साथ ही इस महामारी के उपरांत दुनिया कैसी होगी? यह देखनी की क्षमता भी है।

शनि-मंगल दे सकते हैं महामारी से बचाव का रास्ता

कोरोना महामारी राहु और केतु ने उत्पन्न की है, जब गुरु अपनी नीच राशि भ्रमण के लिए निकल चुका था। शनि और मंगल की मकर राशि से शत्रुता से बने युति योग ने आग में घी डालने का काम कर दिया। इस महामारी से बचाव का रास्ता भी शनि और मंगल ही दे सकते हैं। समूचे विश्व को शनि और मंगल की जीवनशैली अपना लेनी चाहिए। इन दोनों ग्रहों की जीवनशैली एवं चरित्र का अनुसरण करना ज्योतिष का राम बाण इलाज हो सकता है। शनि एक एकांत और न्याय प्रिय ग्रह है, जिसका चरित्र आत्मियता और मानवता से भरा हुआ है। शनि को भीड़-भाड़ और सामाजिक आडम्बरों और दिखावे से नफरत है। वहीं, मंगल आत्मविश्वास और अनुशाशन प्रिय ग्रह है, जो कि सेना नायकों और सरकारी आदेशों का सूचक है।

भारत और कुछ राष्ट्रों के लिए बन सकता है स्वर्ण योग

सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि सरकारी आदेश भी समस्त जनता के लिए अपने आप में घरो में रहने का और लॉकडाउन का अनुशासन से पालन करने का ही है। इस आपातकाल जैसी स्थिति में ज्योतिष स्पष्ट संकेत दे रही है कि आने वाला समय भारत और कुछ राष्ट्रों के लिए स्वर्ण योग को आरम्भ करेगा।

जुलाई से पटरी पर आ सकती है भारतीय अर्थव्यवस्था

भारतीय अर्थव्यवस्था जुलाई 2020 से नवंबर 2020 तक बहुत तेज रफ्तार से अपने मूलभूत ढांचे को ठीककर के मानवता और अंतरराष्ट्रीय अर्थव्यवस्था को पुनः पटरी पर आ सकती है। सन् 2022 से 2023 तक भारत को संयुक्त राष्ट्र की सुरक्षा परिषद में स्थायी सदस्यता मिल सकती है। भारत एक विश्व शक्ति के रूप में एकाएक उभरेगा। 2020 और 2021 में कश्मीर में चले आर है आतंकवाद का पूर्णतया अंत हो सकता है। मां भगवती शारदा का आशीर्वाद मिलने के संकेत हैं।

- ज्योतिषाचार्य रोहिताश्व त्रिवेदी


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