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Chanakya Niti: व्यक्ति के भाग्य में पहले ही लिख दी जाती हैं ये 5 चीजें, लाख चाहकर नहीं कर सकते हैं बदलाव

Chanakya Niti आचार्य चाणक्य की मानें तो तय समय पर व्यक्ति की मृत्यु निश्चित है। व्यक्ति लाख चाहकर धन और बल से मृत्य को रोक नहीं सकता है। तय समय पर व्यक्ति को धरातल छोड़कर जाना ही पड़ता है।

By Pravin KumarEdited By: Pravin KumarPublished: Tue, 21 Mar 2023 06:55 PM (IST)Updated: Tue, 21 Mar 2023 06:55 PM (IST)
Chanakya Niti: व्यक्ति के भाग्य में पहले ही लिख दी जाती हैं ये 5 चीजें, लाख चाहकर नहीं कर सकते हैं बदलाव
Chanakya Niti: व्यक्ति के भाग्य में पहले लिख दी जाती हैं ये 5 चीजें, चाहकर नहीं कर सकते हैं बदलाव

नई दिल्ली, डिजिटल डेस्क | Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य मौर्य साम्राज्य के समकालीन थे। उन्होंने मौर्य साम्राज्य की स्थापना में अहम भूमिका निभाई थी।  इतिहासकारों की मानें तो मौर्य राजवंश की स्थापना की नींब आचार्य चाणक्य ने रखी थी। आचार्य चाणक्य को कौटिल्य और विष्णुगुप्त के नाम से भी जाना जाता है। उन्होंने कई शास्त्रों की रचना की है। इनमें अर्थशास्त्र और चाणक्य नीति प्रमुख हैं। आज भी अर्थशास्त्र और चाणक्य नीति प्रासंगिक हैं। आचार्य ने भाग्य से मिलने वाली चीजों के बारे में भी विस्तार से बताया है। उनकी मानें तो मां के गर्भ में रहने के दौरान प्राणी के भाग्य लिख दी जाती हैं। व्यक्ति चाहकर भी इसमें बदलाव नहीं कर सकता है। आइए, इसके बारे में सबकुछ जानते हैं-

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-आचार्य चाणक्य की मानें तो व्यक्ति की आयु भाग्य में पहले ही लिख दी जाती है। इसके लिए व्यक्ति का नियत समय पर जन्म होता है। वहीं, सांसारिक सुख-दुःख भोगने के पश्चात निश्चित तिथि पर व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है। व्यक्ति चाहकर भी अपनी आयु को बढ़ा नहीं सकता है।

-कर्म को लेकर भी आचार्य चाणक्य ने बड़ी महत्वपूर्ण बात कही है। आचार्य के अनुसार, व्यक्ति जो भी कर्म करता है। उसके भाग्य में पहले ही लिखा होता है। व्यक्ति पूर्व जन्म के कर्म से अज्ञान रहता है। इसके लिए वह अपने भाग्य को कोसता है।

-आचार्य चाणक्य ने कहा है कि व्यक्ति के जीवन में सुख और दुःख पहले से लिख दिया जाता है। इसके लिए उसके पास जितनी भी धन और संपत्ति होती है। वह पहले से लिखी होती है। उसके अनुरूप ही व्यक्ति को धन प्राप्त होता है।

-धन की तरह विद्या भी पहले से भाग्य में लिखा होती है। इसके लिए भाग्य में जितनी विद्या लिखी होती है। व्यक्ति को उतनी ही विद्या मिलती है। इंसान बल या धन से अधिक ज्ञान अर्जन नहीं कर सकता है।

-मृत्यु भी निर्धारित है। आचार्य चाणक्य की मानें तो तय समय पर व्यक्ति की मृत्यु निश्चित है। व्यक्ति लाख चाहकर धन और बल से मृत्य को रोक नहीं सकता है। तय समय पर व्यक्ति को धरातल छोड़कर जाना ही पड़ता है।

 डिसक्लेमर- इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।


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