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होलिका तैयार, होली का इंतजार

रंगभरी एकादशी के साथ ही होलिका की साज संवार भी अंतिम दौर में पहुंच गई। लकडिय़ों की गाज कई मीटर ऊंची तो इसमें झाड़ झंखाड़ के साथ ही लकड़ी के बोटे भी डाले गए।

By Preeti jhaEdited By: Published: Mon, 02 Mar 2015 02:31 PM (IST)Updated: Mon, 02 Mar 2015 02:34 PM (IST)
होलिका तैयार, होली का इंतजार

वाराणसी। रंगभरी एकादशी के साथ ही होलिका की साज संवार भी अंतिम दौर में पहुंच गई। लकडिय़ों की गाज कई मीटर ऊंची तो इसमें झाड़ झंखाड़ के साथ ही लकड़ी के बोटे भी डाले गए।

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कई स्थानों पर इसमें प्रह्लाद को गोद में लिए होलिका भी स्थापित कर दी गई। इसे साडिय़ों और कागज की रंगीली पताकाओं से भी सजाया गया है। कुछ ऐसा ही दृश्य कचौड़ी गली में दिखा, वहीं कुछ स्थानों पर मौसम के सुधार पर आने का इंतजार भी किया जा रहा। होलिका की स्थापना वसंत पंचमी पर विधि विधान से रेड़ खड़ी कर की गई थी। होली की पूर्व संध्या पर पांच मार्च को इसका दहन किया जाएगा।

मान्यता है कि होलिका की आग में पाप ताप और गिले शिकवे जल जाते हैं। अगली सुबह होलिका की धूलि माथे पर लगा कर रंग खेला जाता है।


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