विश्व धरोहर सूची में दर्ज होने जा रही काशी
शताब्दियों से पुष्पित पल्लवित परंपराओं की थाती समेटे बनारस यूनेस्को की अमूर्त विश्व धरोहर नगरी सूची में दर्ज होने जा रहा है। इस खास श्रेणी के लिए पहली बार इसी साल प्रस्ताव मांगे गए थे। शर्त के अनुसार संपूर्ण मानकों का ख्याल रखते हुए नगर निगम ने इसे जुलाई में
वाराणसी। शताब्दियों से पुष्पित पल्लवित परंपराओं की थाती समेटे बनारस यूनेस्को की अमूर्त विश्व धरोहर नगरी सूची में दर्ज होने जा रहा है। इस खास श्रेणी के लिए पहली बार इसी साल प्रस्ताव मांगे गए थे। शर्त के अनुसार संपूर्ण मानकों का ख्याल रखते हुए नगर निगम ने इसे जुलाई में भेजा गया था। इसके लिए सीडी में नगर की खासियतों का पूरा ब्योरा सहेजने के साथ ही इससे संबंधित कागजात भी भेजे गए थे।
सूची में कौन से नगर शामिल हो रहे हैं, इसकी घोषणा 11 दिसंबर को संभावित है। समृद्ध थाती को लेकर काशी पूरी उम्मीद से है। काशी को विश्व धरोहर सूची में शामिल करने के लिए पहले भी प्रस्ताव भेजे जा चुके हैं लेकिन अमूर्त धरोहरों को लेकर यूनेस्को की खास श्रेणी को लेकर बनारस अधिक आश्वस्त है। हालांकि इसमें आवेदन संबंधित नगरों के महापौर को ही करने थे, ऐसे में दिल्ली से आए केंद्रीय दल ने भी चार दिन यहां रह कर हर बिंदुओं का आकलन व मार्ग निर्देशन किया था। इसमें आवेदन पत्र तैयार करने के बाद दिल्ली भेज कर इसकी एहतियातन क्रास चेकिंग भी की गई थी। इसमें अपनी विरासत को सहेजने के लिए पूर्व में किए गए प्रयासों के बारे में भी जानकारी दी गई थी।
समृद्ध विरासत : शास्त्रीय संगीत की बात आने पर दुनिया भर में हर जुबान पर काशी का नाम होता है। बनारस घराना और यहां की शिष्य परंपरा का किसने लोहा नहीं माना। रीति रिवाज, तीज त्योहार, मान्यता, खानपान, भाषा-बोली, वाचिक परंपरा, लोक कला, पारिवेशिक कला, व्यवहार, ज्ञान, कौशल, रामलीला समेत अन्य लीलाएं भी खास हैं।