अमरनाथ यात्रा: कठिन डगर पर बुलंद हौसले का सफर
श्री अमरनाथ यात्रा में ऊंची पहाड़ियों, कठिन रास्ते और कई जगहों पर ग्लेशियर पर फिसलन होने से गिर-गिरकर संभल रहे श्रद्धालु बुलंद हौसले के साथ पवित्र गुफा की ओर निरंतर बढ़ रहे हैं। पहलगाम, पिस्सू घाटी का संकरा रास्ता, पहाड़ियों पर चढ़ाई, शेषनाग या फिर गणोशटॉप हर जगह भक्तों का जज्बा देखते ही बन रहा है। चंदनबाड़ी
सांबा। श्री अमरनाथ यात्रा में ऊंची पहाड़ियों, कठिन रास्ते और कई जगहों पर ग्लेशियर पर फिसलन होने से गिर-गिरकर संभल रहे श्रद्धालु बुलंद हौसले के साथ पवित्र गुफा की ओर निरंतर बढ़ रहे हैं।
पहलगाम, पिस्सू घाटी का संकरा रास्ता, पहाड़ियों पर चढ़ाई, शेषनाग या फिर गणोशटॉप हर जगह भक्तों का जज्बा देखते ही बन रहा है। चंदनबाड़ी से यात्रा शुरू होने के बाद सबसे पहले पिस्सू घाटी आती है, जिसका रास्ता बहुत संकरा है। साथ ही यहां बहुत ऊंची चढ़ाई को भी श्रद्धालु बम-बम भोले के जयकारों के साथ पार कर रहे हैं। कई जगहों पर ग्लेशियर हैं और उन पर काफी फिसलन होने से श्रद्धालु गिर भी रहे हैं। पिस्सू घाटी व शेषनाग के बीच एक ग्लेशियर पर घोड़े का पांव फिसल गया, जिससे उस पर सवार साठ वर्षीय यात्री वेंकटेश प्रसाद नीचे गिर गया। गिरते समय भी उन्होंने भोले को ही याद किया तो उन्हें कोई भी चोट नहीं आई। हालांकि पास ही चल रहे दूसरे घोड़े पर उनकी पत्नी शीला देवी कुछ घबराई हुई थी। आसपास चल रहे अन्य यात्रियों ने उन्हें उठाया और थोड़ी देर विश्रम के बाद फिर उन्होंने अपनी यात्रा घोड़े पर शुरू की। कुछ श्रद्धालुओं ने बताया कि घोड़े वाले पहले सवारियों के लिए काफी मिन्नतें करते हैं और जब यात्री मान जाते हैं तो फिर उसके बाद वह अपनी मर्जी से घोड़े को चलाते हैं। श्रद्धालु रिंकू वर्मा, साहिल कुमार, रवि शंकर ने बताया कि घोड़े वालों को प्रशासन की ओर से दिशा-निर्देश दिए जाने चाहिए ताकि भक्तों को किसी प्रकार की कोई समस्या पैदा न हो।
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