अमरनाथ यात्रा 2015 दो जुलाई से शुरू, सुचारू लंगर व्यवस्था पर मंथन
बाबा अमरनाथ यात्रा इस वर्ष दो जुलाई 2015 से शुरू होगी। 59 दिन तक चलने वाली यह यात्रा 29 अगस्त रक्षाबंधन वाले दिन संपन्न होगी। यात्रा के लिए एडवांस पंजीकरण एक मार्च से शुरू होगा।
जम्मू। बाबा अमरनाथ यात्रा इस वर्ष दो जुलाई 2015 से शुरू होगी। 59 दिन तक चलने वाली यह यात्रा 29 अगस्त रक्षाबंधन वाले दिन संपन्न होगी। यात्रा के लिए एडवांस पंजीकरण एक मार्च से शुरू होगा।
श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड की 28वीं बैठक में यह फैसला किया गया। राज्यपाल एनएन वोहरा जो बोर्ड के चेयरमैन भी हैं, की अध्यक्षता में राजभवन में हुई बैठक में इस वर्ष की बाबा अमरनाथ यात्रा शुरू करने की तिथि व अन्य प्रबंधों पर विचार हुए। बोर्ड ने श्री श्री रविशंकर के नेतृत्व में सब कमेटी का गठन किया था, जो बोर्ड को बाबा अमरनाथ यात्रा की अवधि के लिए सुझाव देती है।
बोर्ड ने यह पाया कि वर्ष 2014 की बाबा अमरनाथ यात्रा के दौरान चंदनबाड़ी रूट पर भारी बर्फबारी हुई थी, जिस कारण यात्रा शुरू करने में देरी हो गई। उस समय यात्रा दो जुलाई 2014 को ही शुरू हो पाई थी। बोर्ड ने इस वर्ष 2015 की यात्रा को दो जुलाई से शुरू करने का फैसला किया।
पुरुषोत्तम पूर्णिमा पर शुरू होकर यात्रा श्रावण पूर्णिमा रक्षाबंधन वाले दिन 29 अगस्त को समाप्त होगी। इस तरह से इस वर्ष 59 दिन की यात्रा होगी।
श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी राकेश कुमार गुप्ता ने दो लंगर संगठनों श्री अमरनाथ बर्फानी लंगर ऑर्गेनाइजेशन और श्री अमरनाथ यात्रा भंडारा ऑर्गेनाइजेशन से बैठकें कर यात्रा के दौरान सुचारू रूप से लंगर लगाने की व्यवस्था पर विचार विमर्श किया। दो जुलाई से शुरू होकर 29 अगस्त तक चलने वाली यात्रा के दौरान यात्रा मार्ग व अन्य कैंपों में लंगर लगाने के प्रबंधों पर चर्चा हुई।
मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने लंगर संगठनों को बताया कि राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने बालटाल दोमेल व चंदनबाड़ी क्षेत्र में लंगरों की तादाद कम करने का सुझाव दिया है। यह सुझाव यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए दिया गया है। उन्होंने यात्र मार्ग पर साफ सफाई रखने को सुनिश्चित करने पर जोर देते हुए कहा कि बोर्ड की तरफ से जारी किए जाने वाले दिशा निर्देश का पालन होना चाहिए।
पिछले वर्ष 18 जुलाई को बालटाल में हुई दुर्भाग्यपूर्ण घटना का जिक्र करते हुए गुप्ता ने सभी लंगर संगठनों कहा कि वे यात्रा से जुड़े सभी लोगों से सांप्रदायिक सौहार्द का माहौल बनाए रखे ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं फिर से न हो सके। राज्य सरकार ने यात्रा के दौरान कानून एवं व्यवस्था को बनाए रखने के लिए प्रभावी कदम उठाए हैं। लंगर संगठनों ने लंगर लगाने संबंधी कई मामले उठाए जिस पर मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने विचार करने का आश्वासन दिया।