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Aaj Ka Panchang 29 October 2024: आज है धनतेरस, नोट करें खरीदारी का शुभ मुहूर्त और पढ़ें दैनिक पंचांग

सनातन धर्म में कार्तिक माह (Aaj ka Panchang 29 October 2024) का विशेष महत्व है। इस महीने में धनतेरस और दीवाली समेत कई प्रमुख व्रत-त्योहार मनाए जाते हैं। धनतरेस कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है। वहीं दीवाली कार्तिक अमावस्या तिथि को मनाई जाती है। भगवान धन्वन्तरि की पूजा करने से आरोग्य जीवन का वरदान प्राप्त होता है।

By Pravin KumarEdited By: Pravin KumarUpdated: Tue, 29 Oct 2024 09:14 AM (IST)
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Aaj Ka Panchang 29 October 2024: पढ़ें धनतेरस पंचांग
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Aaj ka Panchang 29 October 2024: वैदिक पंचांग के अनुसार, आज यानी 29 अक्टूबर को धनतेरस (Dhanteras Timing 2024) है। यह पर्व हर वर्ष कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है। इस शुभ अवसर पर भगवान धन्वन्तरि की पूजा की जा रही है। आज के दिन स्वर्ण और चांदी से निर्मित आभूषणों की खरीदारी की जाती है। साथ ही धनतेरस के दिन वाहनों की भी खरीदारी की जाती है। इसके अलावा, लोग बर्तन भी खरीदते हैं। ज्योतिषियों की मानें तो धनतेरस के शुभ अवसर पर त्रिपुष्कर योग समेत कई मंगलकारी योग बन रहे हैं। इन योग में भगवान धन्वन्तरि की पूजा करने से साधक के सुख और सौभाग्य में वृद्धि होगी। आइए, पंडित हर्षित शर्मा जी से आज का पंचांग एवं राहुकाल जानते हैं-

धनतेरस शुभ मुहूर्त (Dhanteras Shubh Muhurat)

कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की द्वादशी तिथि आज सुबह 10 बजकर 31 मिनट तक है। इसके बाद त्रयोदशी तिथि शुरू होगी। कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि का समापन 30 अक्टूबर को दोपहर 01 बजकर 15 मिनट पर होगा। इसके बाद चतुर्दशी तिथि की शुरुआत होगी। इस शुभ अवसर पर भगवान धन्वन्तरि की विधि-विधान से पूजा की जा रही है।

शुभ योग ( Shubh 2024 Yog)

ज्योतिषियों की मानें तो कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर शिववास योग का निर्माण हो रहा है। इस योग का समापन 29 अक्टूबर को सुबह 10 बजकर 31 मिनट पर होगा। इसके साथ ही दुर्लभ इंद्र योग का संयोग बन रहा है। इन योग में भगवान धन्वन्तरि की पूजा करने से साधक को अमोघ फल की प्राप्ति होगी।    

करण

आज यानी 29 अक्टूबर को तैतिल और गर करण का संयोग बन रहा है। इसके साथ ही अभिजीत मुहूर्त का भी निर्माण हो रहा है। इन योग में भगवान धन्वन्तरि की उपासना करने से साधक की हर मनोकामना पूरी होगी। ज्योतिष तैतिल और गर करण को शुभ मानते हैं। इन योग में शुभ कार्य करने से साधक पर भगवान धन्वन्तरि की विशेष कृपा बरसेगी। उनकी कृपा से साधक के सकल मनोरथ सिद्ध हो जाएंगे। साथ ही घर में सुख, समृद्धि एवं शांति आएगी।

पंचांग

सूर्योदय - सुबह 06 बजकर 31 मिनट पर

सूर्यास्त - शाम 05 बजकर 38 मिनट पर

चन्द्रोदय- सुबह 04 बजकर 27 मिनट पर (30 अक्टूबर)

चंद्रास्त- शाम 03 बजकर 57 मिनट पर

ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04 बजकर 48 मिनट से 05 बजकर 40 मिनट तक

विजय मुहूर्त - दोपहर 01 बजकर 56 मिनट से 02 बजकर 40 मिनट तक

गोधूलि मुहूर्त - शाम 05 बजकर 38 मिनट से 06 बजकर 04 मिनट तक

निशिता मुहूर्त - रात्रि 11 बजकर 39 मिनट से 12 बजकर 31 मिनट तक

अशुभ समय

राहु काल - दोपहर 02 बजकर 51 मिनट से 04 बजकर 15 मिनट तक

गुलिक काल - दोपहर 12 बजकर 05 मिनट से 01 बजकर 28 मिनट तक

दिशा शूल - उत्तर

ताराबल

भरणी, कृत्तिका, रोहिणी, मृगशिरा, पुनर्वसु, आश्लेषा, पूर्वा फाल्गुनी, उत्तरा फाल्गुनी, हस्त, चित्रा, विशाखा, ज्येष्ठा, पूर्वाषाढ़ा, उत्तराषाढ़ा, श्रवण, धनिष्ठा, पूर्वाभाद्रपद, रेवती

चन्द्रबल

मेष, कर्क, कन्या, वृश्चिक, धनु, मीन

अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।