Aaj ka Panchang 20 July 2025: आज सावन का दूसरा रविवार, बन रहे कई शुभ-अशुभ योग, पढ़ें पंचांग
आज यानी 20 जुलाई को रविवार व्रत किया जा रहा है। धार्मिक मान्यता के अनुसार इस व्रत को करने से साधक के मान-सम्मान में वृद्धि होती है। साथ ही नौकरी संबंध ...और पढ़ें

आनंद सागर पाठक, एस्ट्रोपत्री। आज यानी 20 जुलाई को सावन माह के दशमी तिथि है। इस दिन सावन का दूसरा रविवार पड़ रहा है। सनातन धर्म में रविवार के दिन सूर्य देव की पूजा-अर्चना करने का विधान है। साथ ही सूर्य देव को अर्घ्य देना चाहिए। धार्मिक मान्यता के अनुसार, सूर्य देव की पूजा करने से कारोबार में सफलता प्राप्त होती है। साथ ही रुके हुए काम पूरे होते हैं। रविवार के दिन कई योग का संयोग बन रहा है। ऐसे में आइए जानते हैं पंचांग (Aaj ka Panchang 20 July 2025) और ग्रहों की स्थिति के बारे में।
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तिथि: कृष्ण दशमी
मास पूर्णिमांत: श्रावन
दिन: रविवार
संवत्: 2082
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तिथि: कृष्ण दशमी दोपहर 12 बजकर 12 मिनट तक
योग: गंड रात्रि 09 बजकर 48 मिनट तक
करण: विष्टि दोपहर 12 बजकर 12 मिनट तक
करण: बव रात्रि 10 बजकर 56 मिनट तक
सूर्योदय और सूर्यास्त का समय
सूर्योदय: सुबह 05 बजकर 36 मिनट पर
सूर्यास्त: शाम 07 बजकर 19 मिनट पर
चंद्रोदय: 21 जुलाई को रात्रि 11 बजकर 35 मिनट पर
चन्द्रास्त: दोपहर 03 बजकर 11 मिनट पर
सूर्य राशि: कर्क
चंद्र राशि: मेष
पक्ष: कृष्ण
शुभ समय अवधि
अभिजीत मुहूर्त: दोपहर 12 बजे से दोपहर 12 बजकर 55 मिनट तक
अमृत काल: रात्रि 08 बजकर 39 मिनट से रात्रि 10 बजकर 08 मिनट तक
अशुभ समय अवधि
गुलिक काल: दोपहर 03 बजकर 53 मिनट से शाम 05 बजकर 36 मिनट तक
यमगंड काल: दोपहर 12 बजकर 27 मिनट से दोपहर 02 बजकर 10 मिनट तक
राहु काल: सायं 05 बजकर 36 मिनट से सांय 07 बजकर 19 मिनट तक
आज का नक्षत्र
आज चंद्रदेव कृत्तिका नक्षत्र में प्रवेश करेंगे..
कृत्तिका नक्षत्र: रात्रि 10 बजकर 53 मिनट तक
सामान्य विशेषताएं: आध्यात्मिक रुचि, ऊर्जावान, प्रेरणादायक, आलोचक प्रवृत्ति, क्रोधी और झगड़ालू, कामुक, चालाक और कपटी और प्रसिद्धिप्रिय
नक्षत्र स्वामी: सूर्य
राशि स्वामी: मंगल और शुक्र
देवता: अग्नि
प्रतीक: भाला
भगवान सूर्य के मंत्र:
1. ॐ घृणिं सूर्य्य: आदित्य:
2. ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय सहस्रकिरणराय मनोवांछित फलम् देहि देहि स्वाहा।।
3. ॐ ऐहि सूर्य सहस्त्रांशों तेजो राशे जगत्पते, अनुकंपयेमां भक्त्या, गृहाणार्घय दिवाकर:।
4. ॐ ह्रीं घृणिः सूर्य आदित्यः क्लीं ॐ ।
5. ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय नमः ।
6. ॐ सूर्याय नम: ।
7. ॐ घृणि सूर्याय नम: ।
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