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Aadi Amavasai 2024: आदि अमावसाई पर इन बातों का रखें ध्यान, पितृ दोष से मिलेगी मुक्ति

आदि अमावसाई का दिन सनातन धर्म में बहुत महत्वपूर्ण माना गया है। इस दिन लोग अपने पितरों की पूजा करते हैं। इसके साथ ही इस तिथि पर गंगा स्नान दान-पुण्य और पिंडदान बहुत अच्छा माना जाता है। ऐसा करने से अक्षय फलों की प्राप्ति होती है। यह हर साल सावन के महीने में मनाई जाती है। इस साल यह 4 अगस्त यानी आज मनाई जा रही है।

By Vaishnavi Dwivedi Edited By: Vaishnavi Dwivedi Updated: Sun, 04 Aug 2024 11:21 AM (IST)
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Aadi Amavasai 2024: आदि अमावस्या के दिन इन बातों का रखें ध्यान -

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। आदि अमावसाई एक अनोखा पर्व है, जो दक्षिण भारत में तमिल लोगों द्वारा मनाया जाता है। यह वह दिन है जब सूर्य और चंद्रमा एक ही राशि में एक साथ आते हैं। इस महत्वपूर्ण तिथि पर पूर्वजों की पूजा होती है। ऐसी मान्यता है कि इस मौके पर पूजा-पाठ और दान-पुण्य करने से जीवन की सभी मनोकामनाओं की पूर्ति होती है। साथ ही सफलता के मार्ग खुलते हैं, तो आइए इस दिन (Aadi Amavasai 2024) से जुड़ी कुछ प्रमुख बातों को जानते हैं -

आदि अमावस्या के दिन इन बातों का रखें ध्यान

  • अमावस्या तिथि पर गंगा स्नान अवश्य करना चाहिए।
  • अमावस्या पर पितरों का तर्पण करने से उन्हें मोक्ष की प्राप्ति होती है।
  • इस तिथि पर काले तिल का दान जरूर करना चाहिए, इससे सौभाग्य की प्राप्ति होती है।
  • अमावस्या के दिन तामसिक भोजन का गलती से भी नहीं करना चाहिए।
  • इस अवसर पर झूठ, ईर्ष्या और लालच करने से बचना चाहिए, क्योंकि यह पूजा-पाठ, अनुष्ठान, जप और तप का दिन है।
  • इस तिथि पर भोजन, कपड़े, तिल, गुड़, घी, आदि चीजों का दान करना शुभ माना जाता है।
  • इस दिन विद्वान ब्राह्मणों व गरीबों को भोजन खिलाना चाहिए।
  • इस दिन तुलसी पत्र, पीपल और बेलपत्र तोड़ने से बचना चाहिए।
  • इस दिन किसी भी प्रकार का मांगलिक व नया कार्य नहीं करना चाहिए।
  • इस दिन ज्यादा से ज्यादा तीर्थ स्थलों पर जाना चाहिए।
  • इस दिन सात्विकता का विशेष ख्याल रखना चाहिए।

शुभ योग

  • सर्वार्थ सिद्धि योग - सुबह 05 बजकर 44 मिनट से दोपहर 01 बजकर 26 मिनट तक
  • रवि पुष्य योग - सुबह 05 बजकर 44 मिनट से दोपहर 01 बजकर 26 मिनट तक
  • अमृत काल - सुबह 06 बजकर 39 मिनट से 08 बजकर 21 मिनट तक
  • विजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 42 मिनट से 03 बजकर 35 मिनट तक

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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।