सब-ए-कदर की एक रात इबादत करने से अल्लाह उसके सभी गुनाहों को माफ कर देता है
अगर किसी बंदे को सब-ए-कदर की एक रात में इबादत करने का मौका मिल जाए तो अल्लाह उसके सभी गुनाहों को माफ कर उसकी मगफिरत फरमा देता है।
सारंगपुर। सब-ए-कदर की एक रात में इबादत करना ऐसा है जैसे किसी बंदे ने हजार महीनों तक मुसलसल(लगातार)इबादत की हों। अगर किसी बंदे को सब-ए-कदर की एक रात में इबादत करने का मौका मिल जाए तो अल्लाह उसके सभी गुनाहों को माफ कर उसकी मगफिरत फरमा देता है। यह बात मौलाना आलिम साबिर साहब नदवी ने बताई। मौलाना ने कहा कि सब-ए-कदर की यह रात अल्लाह के नजदीक इतनी मेहबूब है कि अल्लाह ने इसी रात में अपना पाक कलाम कुरआन-ए-पाक को नाजिल कर मुकम्मल किया और अपने प्यारे नबी को दिया। सब-ए-कदर पर मांगें दुआएं मौलाना साबिर साहब ने कहा कि हर एक मुस्लिम बंदे को चाहिए कि बंदा सब-ए-कदर की तलाश करे और रातों को जाग कर इबादत करें।
बंदो इस दौरान ज्यादा से ज्यादा दुआएं मांग और अपने गुनाहों से तोबा करें। अल्लाह दुआ करने वालो की दुआएं कुबूल करता है और तोबा करने वालो को भी पंसद करता है और उनकी तौबा को कुबूल करता है। 27 वीं सब में मुकम्मल होगा कुरआन रमजान का चांद नजर आने के साथ ही मस्जिदों में विशेष तरावीह की नमाज में कुरआन पाक की तिलावत की जा रही है। उलेमा इकराम ने पुरे माह तरावीह की नमाज के दौरान कुरआन की तिलावते की जो अधिकतर मस्जिदों में 27वी सब में मुकम्मल हो जाएगी। इस मौके पर विशेष दुआएं भी मांगी जाएगी।