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मां के चरणों में झुके शीष, दे आशीष

मां भगवती के आराधना पर्व के अंतिम दिन शुक्रवार को भक्तों ने यम-नियम से मां के सिद्धिदात्री स्वरूप का पूजन किया। इसके साथ ही नौ दिनों से चल रहे व्रत का विधिवत पारण किया। कन्याओं को भोजन कराकर दान किया। कुछ भक्त दशमी शनिवार को व्रत का पारण करेंगे।

By Edited By: Published: Sat, 20 Apr 2013 11:48 AM (IST)Updated: Sat, 20 Apr 2013 11:48 AM (IST)
मां के चरणों में झुके शीष, दे आशीष

इलाहाबाद। मां भगवती के आराधना पर्व के अंतिम दिन शुक्रवार को भक्तों ने यम-नियम से मां के सिद्धिदात्री स्वरूप का पूजन किया। इसके साथ ही नौ दिनों से चल रहे व्रत का विधिवत पारण किया। कन्याओं को भोजन कराकर दान किया। कुछ भक्त दशमी शनिवार को व्रत का पारण करेंगे। सिद्धपीठ मंदिरों में सुबह से लेकर देर रात तक दर्शन-पूजन करने वाले जुटे रहे। आरती के समय घंटा-घडि़याल व शंखध्वनि के बीच लगने वाले शेरोवाली के जयकारा से पूरा माहौल भक्तिमय हो गया। भक्तों ने मां का दर्शन कर अज्ञान, आलस्य आदि दोषों को दूर करने की प्रार्थना की। इसके साथ ही मंदिरों में मानव कल्याण के लिए चल रहे शतचंडी यज्ञ का समापन हुआ।

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ललिता के स्वरूप ने किया मोहित

महाशक्तिपीठ ललिता देवी दरबार में हाजिरी लगाने लगाने के लिए भक्तों का तांता लगा रहा। स्वर्ण आभूषणों से मां के सिद्धिदात्री स्वरूप का श्रृंगार किया गया। ललिता मइया की जय का जयघोष करते भक्त मां की दिव्य प्रतिमा के सामने पहुंचते तो उनका भव्य स्वरूप देखकर मोहित हो जाते। मंदिर समिति के अध्यक्ष हरिमोहन वर्मा के नेतृत्व में दोपहर को श्रीराम जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया गया। शाम को संगीतमयी आरती उतारी गई। भक्तों को साड़ी, चुनरी के साथ 108 दुर्गाशप्तसती की पुस्तक वितरित की गई। इसमें धीरज नागर, सुमित श्रीवास्तव शामिल थे।

चंदन के महल में विराजीं कल्याणी

नवरात्र के अंतिम दिन मां कल्याणी देवी मंदिर में दर्शन-पूजन करने वालों की भारी भीड़ जुटी। रचना पांडेय ने मां के लिए चंदन का भव्य महल तैयार किया, जिसमें विराजमान मां ने काजू, बादाम, मखाना, किशमिश, छुआरा व गरी के गोले की माला धारण किए थीं। भक्तों ने मां का दर्शन कर वैदिक मंत्रोच्चार के बीच पूजन किया। श्यामजी पाठक के नेतृत्व में शाम को वैदिक मंत्रोच्चार के बीच मां की आरती उतारी गई। भक्तों ने बच्चों का नामकरण, कर्ण व नकछेदन संस्कार भी कराया। मनौती पूरी होने पर मां को निशान चढ़ाने के लिए दूर-दूर से लोग आए।

उमड़ा भक्तों का सैलाब

रामनवमी एवं शुक्त्रवार का दिन होने से मां अलोपशंकरी मंदिर में भक्तों का सैलाब उमड़ पड़ा।

भक्तों में मां के पालने पर मत्था टेककर स्वयं के कल्याण की कामना की। दूर-दूर से आए भक्तों ने अलोपी मइया का जयकारा लगाते हुए मां के पालने में पुष्प, नारियल, फल व चुनरी अर्पित कर आशीर्वाद प्राप्त किया। परिसर में हवन व मुंडन कराने वालों की भारी भीड़ रही। इसके साथ ही लोगों ने बच्चों का नामकरण, कर्ण व नकछेदन संस्कार भी कराया।

क्षेमामाई का लिया आशीर्वाद

नवरात्र के अंतिम दिन सिद्धपीठ मां क्षेमामाई का कृतिम पुष्पों व आभूषणों से भव्य श्रृंगार किया गया। भक्तों ने मां को पुष्प, फल एवं मिष्टान्न अर्पित करके उनका आशीर्वाद प्राप्त किया। परिसर में भजन-पूजन का सिलसिला देर रात तक चलता रहा।

भजन से मां को रिझाया

राजरूपुर स्थित 30 फिट रोड में देवी जागरण का आयोजन किया गया। इसमें मां पर आधारित कई मोहक झांकियां सजाई गई। वहीं गायकों ने अपने मधुर भजनों से मां की महिमा का बखान किया। इसमें संजय द्विवेदी, रतन, पंकज, आलोक, आशीष मिश्र, संतोष शामिल रहे।

पूर्णाहुति व भंडारा आज

एस्ट्रो प्रयाग आश्रम में चल रहे शतचंडी यज्ञ का समापन हो गया। आयोजक ज्योतिर्विद अमित बहोरे ने बताया कि सुबह पूर्णाहुति व भंडारा का आयोजन होगा।

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