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रामायण में वर्णित हनुमान जी का ये रूप है पूज्‍य

रामायण महाकाव्‍य में हनुमान जी का एक स्‍पष्‍ट स्‍वरूप चित्रित किया है और इसी पवित्र ग्रंथ में वर्णित उनके रूप की पूजा सर्वोत्‍तम मानी जाती है।

By Molly SethEdited By: Published: Tue, 13 Mar 2018 01:59 PM (IST)Updated: Tue, 24 Apr 2018 10:44 AM (IST)
रामायण में वर्णित हनुमान जी का ये रूप है पूज्‍य
रामायण में वर्णित हनुमान जी का ये रूप है पूज्‍य

रामायण के हनुमान 

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हिंदू महाकाव्य रामायण में, हनुमान जी को वानर के मुख वाले अत्यंत बलिष्ठ पुरुष के रूप में दिखाया गया है। यहां उनका शरीर अत्यंत मांसल एवं बलशाली है, और उनके कंधे पर जनेउ लटका रहता है। रामायण के अनुसार हनुमान जी को मात्र एक लंगोट पहने अनावृत शरीर के साथ दिखाया जाता है। वह मस्तक पर स्वर्ण मुकुट एवं शरीर पर स्वर्ण आभूषण पहने भी प्रस्‍तुत किए जाते हैं। रामायण में उनकी वानर के समान लंबी पूंछ भी बताई गई है। हनुमान जी का मुख्य अस्त्र गदा माना बताया गया है।

ऐसे करें पूजा 

मंगलवार को श्री हनुमान की पूजा की जाती है। उनकी पूजा कुछ खास बातों ध्‍यान रखरते हुए करनी चाहिए। जैसे हनुमान राम के परम भक्त है और वानर रूप में हैं इसलिए मंगलवार को राम की प्रार्थना करनी चाहिए और वानरों को गुड चने और केले का प्रसाद खिलाना चाहिए। इसके अलावा हनुमान जी सिंदूर लगाने से भी प्रसन्‍न होते हैं। हनुमान अपने माता पिता के परम भक्‍त हैं अत: उनकी माता अंजना और पिता केसरी की जय जय कार से भी वे अति शीघ्र प्रसन्न होते हैं। मंगलवार को हनुमान की मूर्ति या तस्‍वीर जल चढ़ाये, और पुष्‍प, प्रसाद आदि अर्पित करें। इसके बाद हनुमान चालीसा या हनुमान मंत्र का जाप करें। हो सके तो मंदिर में जा कर दर्शन भी करें।


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