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Chaturmas 2021: चातुर्मास में करें इन देवी-देवताओं का पूजन, पूरी होंगी सभी मनोकामनाएं

Chaturmas 2021 हिंदू धर्म में चातुर्मास का विशेष महत्व है। इस वर्ष चातुर्मास की शुरूआत 20 जुलाई से हो रही है जोकि 14 नवंबर तक रहेगा। आइए जानते हैं कि चातुर्मास में किन देवी-देवताओं के पूजन से पूरी होती हैं सभी मनोकामनाएं...

By Jeetesh KumarEdited By: Published: Fri, 16 Jul 2021 08:00 PM (IST)Updated: Fri, 16 Jul 2021 08:00 PM (IST)
Chaturmas 2021: चातुर्मास में करें इन देवी-देवताओं का पूजन, पूरी होंगी सभी मनोकामनाएं
चातुर्मास में करें इन देवी-देवताओं का पूजन, पूरी होंगी सभी मनोकामनाएं

Chaturmas 2021: हिंदू धर्म में चातुर्मास का विशेष महत्व है। मान्यता है कि आषाढ़ मास की देवशयनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु सभी देवी-देवताओं के साथ योग निद्रा में चले जाते हैं, इसलिए इस समय किसी प्रकार के मांगलिक कार्य नहीं किये जाते हैं। मांगलिक कार्यों की फिर शुरुआत कार्तिक मास की देवउत्थान एकादशी के दिन होती है। इस वर्ष चातुर्मास की शुरूआत 20 जुलाई से हो रही है, जोकि 14 नवंबर तक रहेगा। चातुर्मास के इस काल में व्रत-पूजन का विशेष लाभ मिलता है। आइए जानते हैं कि चातुर्मास में किन देवी-देवताओं के पूजन से पूरी होती हैं सभी मनोकामनाएं...

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भगवान शिव

पौराणिक मान्यता है कि चातुर्मास में भगवान विष्णु सभी देवी-देवताओं के साथ राजा बलि के यहां पाताल लोक में आराम करते हैं। इस काल में सृष्टि संचालन का कार्य भगवान शिव करते हैं, अतः चातुर्मास में भोलेनाथ की पूजा करना विशेषरूप से फलदायी होती है। चातुर्मास का पहला माह सावन का होता है, जो विशेषतौर पर भगवान शिव की पूजा को समर्पित है।

गणेश भगवान और श्री कृष्ण

चातुर्मास भाद्रपद में भगवान गणेश और विष्णु जी के कृष्ण अवतार की पूजा का विधान है। इसी मास में भगवान कृष्ण की जन्माष्टमी मनाई जाती है। कृष्ण भक्त विशेष रूप से मथुरा और वृंदावन में छः से बारह दिन तक विधिपूर्वक भगवान कृष्ण का पूजन करते हैं।

दुर्गा मां

चातुर्मास का तीसरा महीना मां दुर्गा की उपासना के लिए समर्पित है। इस महीने में मां दुर्गा के शारदीय नवरात्रि का व्रत और पूजन किया जाता है। भक्त पूरे नौ दिन मां दुर्गा के लिए कलश स्थापना कर व्रत रखते हैं और दशमी के दिन व्रत का पारण कर कलश का विसर्जन करते हैं।

लक्ष्मी पूजन

कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि तक चातुर्मास माना जाता है। एकादशी की तिथि, जिसे देवउत्थान एकादशी भी कहते हैं, पर मान्यता अनुसार भगवान विष्णु योग निद्रा त्याग कर अपना कार्यभार संभालते हैं और सभी मांगलिक कार्य पुनः शुरू हो जाते हैं। इस दौरान कार्तिक अमावस्या तिथि पर दीपावली में लक्ष्मी पूजन किया जाता है।

इसके अतिरिक्त चातुर्मास में हनुमान जी और भगवान विष्णु के वामन अवतार, सूर्य देव, जल देव की पूजा पुण्य फलदायी होती है।

डिसक्लेमर

'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'


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