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गुरूवार को शालिग्राम रूपी भगवान विष्‍णु की करें पूजा

बृहस्‍पतिवार को विष्‍णु जी के सभी स्‍वरूपों की पूजा की जाती है। इन्‍हीं में से एक रूप है शालिग्राम का जिनको पूजने से श्री हरि अत्यंत प्रसन्‍न होते हैं।

By Molly SethEdited By: Published: Wed, 27 Mar 2019 03:45 PM (IST)Updated: Thu, 28 Mar 2019 06:30 AM (IST)
गुरूवार को शालिग्राम रूपी भगवान विष्‍णु की करें पूजा
गुरूवार को शालिग्राम रूपी भगवान विष्‍णु की करें पूजा

विष्‍णु का ही रूप हैं शलिग्राम

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भगवान विष्णु को शालीग्राम के रूप में भी पूजा जाता है। इस रूप में वे काले रंग के चिकने पत्थर के रूप में नजर आते हैं। शालीग्राम के पत्थर नेपाल में बहने वाली गंडकी नदी में पाए जाते हैं। इस नदी को तुलसी का एक रूप भी माना जाता है। यही कारण है कि पूजा करते समय यदि आप शालीग्राम के ऊपर तुलसी के पत्ते अर्पित करते हैं, तो भगवान विष्णु जल्दी प्रसन्न हो जाते हैं। 

शलिग्राम के बारे में विशेष बातें

ऐसी मान्‍यता है कि घर में सिर्फ़ एक ही शालीग्राम होना चाहिए। शालिग्राम की पूजा में के दौरान याद रखें कि इसे बिना नहाये कभी भी छूना नहीं चाहिए। इसके पूजन के समय मन शुद्ध होना चाहिए। शालीग्राम पूजा में तुलसी का पत्ता चढ़ाने से धन, वैभव की प्राप्‍ति होती है।

ऐसे करें पूजा

शलिग्राम की पूजा में सबसे पहले उसे स्‍नान करा कर इस पर चंदन चढ़ायें। इसके बाद फूल और अक्षत डालें। इसके पश्‍चात तुलसी अर्पित करें और विष्‍णु जी के मंत्रों का जाप करते हुए प्रार्थना करें। इसकी पूजा के लिए हमेशा आपको घर साफ़ रखना चाहिए, साथ ही इसे विष्णु की प्रतिमा के पास रखना ज़्यादा फलदायी माना जाता है। ऐसा विश्‍वास है कि जिस घर में शालीग्राम की रोज पूजा होती है, वहां लक्ष्मी का वास होता है। बृहस्‍पतिवार को शालीग्राम की पूजा करने से आपके सारे पाप धुल जाते हैं।


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