शिव पूजा में शमी के पत्तों के प्रयोग से मिलता है मोक्ष
एेसी मान्यता है कि सोमवार को शंकर जी की पूजा करते समय शमी के पत्तों का प्रयोग करने से मोक्ष प्राप्त होता है। जानें एे ही कुछ आैर उपाय जिनसे भोले होते हैं प्रसन्न।
सहज प्रसन्न होते हैं शिव
एेसा कहा गया है कि यदि पूरी आस्था से शिव का ध्यान किया जाए तो वह शिवभक्तों की पुकार जरूर सुनते हैं। शंकर जा को प्रसन्न करने के कर्इ उपायों का उल्लेख शिवमहापुराण में भी मिलता है। हालांकि भगवान शिव को भोलेनाथ इसलिए कहा जाता है क्योंकि वह जल्द प्रसन्न हो जाते हैं, परंतु ये जरूरी है कि पूरी आस्था से उनका ध्यान किया जाए तो खुश हो कर वह शिवभक्तों की पुकार जरूर सुनते हैं। एेसे में यदि सोमवार को पूजन के समय शिव जी की पूजा करने से पहले यदि कुछ उपाय किए जायें तो उनसे सहज ही कष्टों से मुक्ति आैर मनोकामना पूरी होने का आर्शिवाद प्राप्त किया जा सकता है।
शिवमहापुराण में बताये गए उपाय
भगवान शिव को अक्षत यानी चावल अवश्य अर्पित करें। इसके साथ तिल भी अर्पित करने से वह जल्द प्रसन्न हो जाते हैं।
शंकर जी को लाल और सफेद फूल बहुत प्रिय है। इसलिए शिव पूजा में इन रंगों के फूलों को जरूर शामिल करें।
शिवपुराण के अनुसार यदि शमी के वृक्ष के पत्तों से शिव जी पूजा करें तो उनके भक्तों को मोक्ष मिल सकता है।
इनके अलावा भोले नाथ को जूही, कनेर बेला के फूलों से भी पूजन करने से प्रसन्नता मिलती है।
प्रत्येक सोमवार को 21 बिल्वपत्रों पर चंदन से 'ऊं नम: शिवाय' लिखकर शिवलिंग पर चढ़ाएं इससे भी सभी मनोकामनाएं पूरी हो सकती हैं।
यदि विवाह में देर हो रही हो तो रोज शिवलिंग पर केसर मिला हुआ दूध चढ़ाएं। इससे जल्दी ही विवाह योग बनेंगे।
भगवान शिव को जौ अर्पित करने से सुख में वृद्धि होती है।
भगवान शिव को गेंहू चढ़ाने से संतान की प्राप्ति होती है।
ये है पूजन विधि
सोमवार को शिव पूजन के लिए सुबह स्नान आदि नित्य कर्मों से निवृत्त होकर पवित्र हो जाएं। इसके बाद घर के मंदिर या किसी शिव मंदिर जाएं जहां भगवान शिव के साथ माता पार्वती और नंदी को गंगाजल या पवित्र जल अर्पित करें। जल अर्पित करने के बाद शिवलिंग पर चंदन, चावल, बिल्वपत्र, आंकड़े के फूल और धतूरा चढ़ाएं। पूजा संपन्न करने के लिए भगवान शिव को घी, शक्कर का भोग लगाएं और इसके बाद धूप, दीप से आरती करें।