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अधिकतर शादी शाम के समय ही क्‍यों होती है

शादी एक ऐसा मौका होता है जब दो इंसानो के साथ-साथ दो परिवारों का रिश्ता बन जाता है। ऐसे में विवाह संबंधी सभी कार्य पूरी सावधानी और शुभ मुहूर्त देखकर ही किए जाते हैं। विवाह में सबसे मुख्य रस्म होती है फेरों की। हिंदू धर्म के अनुसार सात फेरों के

By Preeti jhaEdited By: Published: Mon, 25 Jan 2016 01:02 PM (IST)Updated: Mon, 25 Jan 2016 01:08 PM (IST)
अधिकतर शादी शाम के समय ही  क्‍यों होती है

शादी एक ऐसा मौका होता है जब दो इंसानो के साथ-साथ दो परिवारों का रिश्ता बन जाता है। ऐसे में विवाह संबंधी सभी कार्य पूरी सावधानी और शुभ मुहूर्त देखकर ही किए जाते हैं। विवाह में सबसे मुख्य रस्म होती है फेरों की। हिंदू धर्म के अनुसार सात फेरों के बाद ही शादी की रस्म पूरी होती है और हमारे धर्म में गौधूली बेला में फेरे करवाए जाना सबसे श्रेष्ठ माना जाता है। गोधूली बेला यानी संध्या का समय जब गायें जंगल से लौटकर आती है। तब उनके पैरों से धूल उड़ती है। उस समय को गौधूली बैला कहा जाता है।

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हिन्दू मान्यता के अनुसार गाय में लक्ष्मी का निवास होता है और जब गायें लौटकर आती हैं तो ऐसा माना जाता है कि लक्ष्मी अपने घर आती है। इसलिए संध्या के इस समय ही गृहलक्ष्मी को अपने घर की बहू बनाया जाता है ताकि उसके आने से घर में हमेशा सुख-संपदा बनी रहे।

साथ ही, संध्या के इस समय को सूर्य और चंद्रमा के मिलन का समय माना गया है। जिस तरह इस समय होने वाला सूर्य और चंद्रमा का मिलन हमेशा के लिए अमर रहता है। उसी तरह इस समय दूल्हा- दुल्हन की शादी को अधिक महत्व दिया गया ताकि उनकी जोड़ी हमेशा के लिए सूर्य और चंद्र की तरह अमर रहे।


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