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Shravan 2021: भगवान शिव को प्रिय है त्रिपुंड, जानिये सावन में इसे धारण का लाभ

Sawan 2021 Aur Tripund भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए कई सारे उपाय किये जाते हैं। सावन में शिव भक्त माथे अर्थात् ललाट पर भस्म या चंदन से तीन रेखाएं बनाते हैं। जिसे हम त्रिपुंड कहते हैं। आइए जानते हैं इसके बारे में।

By Ritesh SirajEdited By: Published: Wed, 28 Jul 2021 03:11 PM (IST)Updated: Wed, 28 Jul 2021 03:11 PM (IST)
Shravan 2021: भगवान शिव को प्रिय है त्रिपुंड, जानिये सावन में इसे धारण का लाभ
भगवान शिव को प्रिय है त्रिपुंड है, जानिये सावन में इसे धारण के लाभ

Sawan 2021 Aur Tripund : सावन माह प्रारंभ हो चुका है। सावन में भगवान शिव की पूजा पूरे धूम धाम से की जाती है। भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए सावन महीना सबसे श्रेष्ठ और उत्तम माना जाता है। सावन के सभी सोमवार को विशेष रूप से शिव अराधना की जाती है। शिव को प्रसन्न करने के लिए कई सारे उपाय किये जाते हैं। सावन में शिव भक्त माथे अर्थात ललाट पर भस्म या चंदन से तीन रेखाएं बनाते हैं, जिसे हम त्रिपुंड कहते हैं। त्रिपुंड को लगाते वक्त तीन अंगुलियों का प्रयोग किया जाता है। आइये जानते हैं कि त्रिपुंड लगाने के लाभ और तरीके क्या क्या हैं।

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त्रिपुंड क्या है

ललाट पर भस्म से बनी तीन रेखाएं बनाई जाती है जिसे त्रिपुंड कहते हैं। इसे मध्यमा, अनामिका और अंगुठे से रेखा बनाई जाती है। सावन में त्रिपुंड लगाने से व्यक्ति के मस्तिष्क को शीतलता मिलती है।  

त्रिपुंड में देवताओं का वास

ललाट पर लगे त्रिपुंड की तीनों रेखाओं में नौ-नौ देवता वास करते हैं। त्रिपुंड की पहली रेखा में नौ देवताओं अकार, धर्म, रजोगुण, गार्हपत्य अग्नि, पृथ्वी, ऋग्वेद, क्रिया शक्ति, प्रात:स्वन, महादेव जी वास करते हैं। इसी तरह त्रिपुंड की दूसरी रेखा में नौ देवताओं ऊंकार, दक्षिणाग्नि, मध्यंदिनसवन, इच्छाशक्ति, आकाश, सत्वगुण, यजुर्वेद, अंतरात्मा, महेश्वर जी का वास है। अंत में त्रिपुंड की तीसरी रेखा में नौ देवताओं मकार, आहवनीय अग्नि, परमात्मा, तमोगुण, द्युलोक, ज्ञानशक्ति, सामवेद, तृतीय सवन तथा शिव हैं।

त्रिपुंड लगाने के लाभ

सावन में त्रिपुंड का व‍िशेष महत्‍व माना गया है। मान्‍यता के अनुसार लगाने वाले के मन में क‍िसी भी तरह के बुरे ख्‍याल नहीं आते हैं। इसे धारण करने से नकारात्‍मक ऊर्जा भी दूर होती है और मन में सात्विकता का प्रवाह होता है। सावन में त्रिपुंड लगाने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं। 

डिसक्लेमर

'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'


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