Vrat Evam Tyohar 2020: इस तारीख को मनाई जाएगी वसंत पंचमी, जानें सप्ताह के व्रत एवं त्योहार
Basant Panchami Date 2020 माघ मास का शुक्ल पक्ष भी प्रारंभ हो चुका है। इस पक्ष में ही विद्या की देवी मां सरस्वती की पूजा होती है जो वसंत पंचमी के दिन होता है।
Vrat Evam Tyohar 2020: नववर्ष 2020 के पहले माह जनवरी का अंतिम सप्ताह प्रारंभ हो गया है। माघ मास का शुक्ल पक्ष भी प्रारंभ हो चुका है। इस पक्ष में ही विद्या की देवी मां सरस्वती की पूजा होती है, जो वसंत पंचमी के दिन होता है। इस सप्ताह में वसंत पंचमी, शीतला षष्ठी, अचला सप्तमी, भीष्म अष्टमी और महानंदा नवमी जैसे व्रत एवं त्योहार आ रहे हैं। आइए जानते हैं कि ये व्रत एवं त्योहार किस दिन पड़ रहे हैं।
30 जनवरी: दिन- गुरुवार: वसंत पंचमी। श्री पंचमी। वागीश्वरी जयंती। सरस्वती पूजा।
वसंत पंचमी: माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी को ही वसंत पंचमी या सरस्वती पूजा होता है। इस दिन ज्ञान की देवी मां सरस्वती की विधि विधान से पूजा-अर्चना की जाती है। इस दिन खासतौर पर स्कूलों में सरस्वती वंदना होती है। इस दिन से ही वसंत ऋतु का आगमन माना जाता है। इस दिन कामदेव, रति और भगवान विष्णु की भी पूजा होती है। वसंत पंचमी के दिन सुबह में ही मां सरस्वती की पूजा करने का विधान है।
31 जनवरी: दिन- शुक्रवार: शीतला षष्ठी।
शीतला षष्ठी: माघ मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को शीतला षष्ठी के नाम से जाना जाता है। अ इस दिन शीतला माता की विधि विधान से पूजा की जाती है। शीतला मां अपने भक्तों के मन और तन को शीतलता प्रदान करती हैं, उसके हर तापों को नष्ट करती हैं।
01 फरवरी: दिन- शनिवार: अचला सप्तमी व्रत। माधवाचार्य जयंती। नर्मदा जयंती।
अचला सप्तमी: माघ मास के शुक्ल पक्ष की सप्तमी को अचला सप्तमी के नाम से जाता जाता है। इस दिन सूर्य देव की पूजा की जाती है। वे प्रसन्न होकर भक्तों को धन-धान्य देते हैं और मान-सम्मान भी प्रदान करते हैं। रविवार के दिन अचला सप्तमी होने से उसका महत्व सौ गुणा बढ़ जाता है।
02 फरवरी: दिन- रविवार: भीष्माष्टमी।
भीष्माष्टमी: इस दिन भीष्म ने अपना प्राण त्याग किया था, इसलिए इस दिन को भीष्म निर्वाण दिवस भी कहते हैं। भीष्म अष्टमी प्रति वर्ष माघ मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को पड़ता है।
03 फरवरी: दिन- सोमवार: महानंदा नवमी।
महानंदा नवमी: गुप्त नवरात्रि की नवमी तिथि को महानंदा नवमी के नाम से जाना जाता है। जीवन में सुख-समृद्धि, रुपया-पैसा, धन की प्राप्ति के लिए यह व्रत किया जाता है।