गुरुवार की पूजा में शुभ फलदायक है श्री विष्णु के ये खास मंत्र
गुरुवार को भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। आज जानिए उन विशेष मंत्रों के बारे में जिनका जाप पूजा के दौरान करने से नरायण की विशेष कृपा प्राप्त होती है।
बृहस्पतिवार को विष्णु भगवान की पूजा करने का विधान है। विष्णु जी को नारायण भी कहा जाता है। इसीलिए आप उनकी पूजा का प्रारंभ ऊं नमो: नाराणाय, ऊं नमो: भगवते वासुदेवाय मंत्र का जाप करते हुए करें। इस मंत्र के जाप से भगवान अत्यंत प्रसन्न होते हैं और शुद्ध मन से इसका पाठ करने से आपके मन से सभी विकार दूर होते हैं। इस प्रकार भगवान की पूजा के लिए आपका दैहिक और मानसिक रूप से तैयार हो जाते हैं।
महामंत्र है विष्णु गायत्री मंत्र
इसके अतिरिक्त विष्णु गायत्री मंत्र का जाप भी करना शुभ होता है। इसे शास्त्रों में महामंत्र माना गया है। ऐसा इसीलिए है क्योंकि जगतजननी गायत्री की 24 देवशक्तियों में भगवान विष्णु एक हैं। कहते हैं कि इसके स्मरण मात्र से सारी बाधायें, दु:ख व संताप दूर हो जाते हैं। विष्णु पूजा में स्नान के बाद पीले या केसरिया वस्त्र पहन कर विष्णु जी की प्रतिमा को गंगाजल स्नान करायें। इसके बाद केसर चंदन, सुगंधित फूल, तुलसी की माला, पीताम्बरी वस्त्र, कलेवा और फल चढ़ाकर पूजा करें। अब धूप, दीप जलाकर पीले आसन पर बैठ तुलसी की माला से विष्णु गायत्री मंत्र की 1, 3, 5, 11 माला का पाठ करें। ऐसा करने पर यश, प्रतिष्ठा व उन्नति का आर्शिवाद भगवान से प्राप्त होता है। इस प्रकार है मंत्र- ऊं नारायणाय विद्महे। वासुदेवाय धीमहि। तन्नो विष्णु प्रचोदयात्।।