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Vijaya Ekadashi 2021 Katha: आज विजया एकादशी के दिन सुनें यह व्रत कथा, मिलेगा व्रत का पूर्ण लाभ

Vijaya Ekadashi 2021 Katha फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को विजया एकादशी का व्रत रखा जाता है। इस बार विजया एकादशी का व्रत आज 09 फरवरी दिन मंगलवार को है। जागरण अध्यात्म में आज हम आपको विजया एकादशी व्रत की कथा के बारे में बता रहे हैं।

By Kartikey TiwariEdited By: Published: Thu, 04 Mar 2021 10:24 AM (IST)Updated: Tue, 09 Mar 2021 05:12 AM (IST)
Vijaya Ekadashi 2021 Katha: आज विजया एकादशी के दिन सुनें यह व्रत कथा, मिलेगा व्रत का पूर्ण लाभ
Vijaya Ekadashi 2021 Katha: आज विजया एकादशी के दिन सुनें यह व्रत कथा, मिलेगा व्रत का पूर्ण लाभ

Vijaya Ekadashi 2021 Katha: फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को विजया एकादशी का व्रत रखा जाता है। इस बार विजया एकादशी का व्रत आज 09 फरवरी दिन मंगलवार को है। इस दिन व्रत रखते हुए भगवान विष्णु की पूजा की जाती है और विजया एकादशी व्रत कथा का पाठ किया जाता है। यदि आप अपने किसी कार्य में सफलता प्राप्त करना चाहते हैं तो आपको विजया एकादशी का व्रत करना चाहिए। जागरण अध्यात्म में आज हम आपको विजया एकादशी व्रत की कथा के बारे में बता रहे हैं, जो भगवान श्रीराम के लंका विजय से जुड़ी हुई है।

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विजया एकादशी व्रत कथा

पौराणिक कथा के अनुसार, जब रावण ने माता सीता का हरण कर लिया तो भगवान श्रीराम और उनके अनुज लक्ष्मण बहुत ही चिंतित हो गए। फिर उनको हनुमान जी की मदद से सुग्रीव से मुलाकात हुई और वे वानर सेना की मदद से रावण की लंका पर चढ़ाई करने के लिए विशाल समुद्र के तट पर आए। लंका पर चढ़ाई कैसे की जाए क्योंकि उनके सामने विशान समुद्र जैसी चुनौती थी। उनको कुछ उपाय समझ में नहीं आ रहा था। 

अंत में उन्होंने समुद्र से ही लंका पर चढ़ाई करने के लिए मार्ग मांगा, लेकिन वे असफल रहे।​ फिर उन्होंने ऋषि-मुनियों से इसका उपाय पूछा। तब उन्होंने श्रीराम को अपनी वानर सेना के साथ विजया एकादशी का व्रत करने का उपाय बताया। ऋषि-मुनियों ने बताया कि किसी भी शुभ कार्य की सिद्धि के लिए व्रत करने का विधान है।

ऋषि-मुनियों की बातें सुनकर भगवान राम ने फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को वानर सेना के साथ विजया एकादशी व्रत किया। विधि विधान से पूजा की। कहा जाता है कि विजया एकादशी व्रत के प्रभाव से ही उनको समुद्र से लंका जाने का मार्ग प्रशस्त हुआ। विजया एकादशी व्रत के पुण्य से श्रीराम ने रावण पर विजय प्राप्त की। तब से ही विजया एकादशी व्रत का महत्व और बढ़ गया। आम जनमास में विजया एकादशी व्रत प्रसिद्ध हो गया। लोग अपने किसी कार्य की सफलता के लिए विजया एकादशी व्रत करने लगे।


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