Budh Pradosh Vrat: आज है बुध प्रदोष का व्रत, जानिए बुध दोष दूर करने का उपाय
Budh Pradosh Vrat आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष का प्रदोष 21 जुलाई दिन बुधवार को पड़ने के कारण बुध प्रदोष का संयोग बन रहा है। बुध प्रदोष पर भगवान शिव का पूजन करने से कुण्डली में व्याप्त बुध दोष को भी समाप्त किया जा सकता है।
Budh Pradosh Vrat: प्रदोष व्रत भगवान शिव की कृपा प्राप्त करने का शुभ दिन होता है। हिंदी महीने के दोनों पक्षों की त्रयोदशी तिथि पर प्रदोष का व्रत रखा जाता है। कल सावन के पहले आषाढ़ मास का आखिरी प्रदोष व्रत है। आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष का प्रदोष 21 जुलाई दिन बुधवार को पड़ने के कारण बुध प्रदोष का संयोग बन रहा है। बुध प्रदोष पर भगवान शिव का विधिपूर्वक पूजन करने से कुण्डली में व्याप्त बुध दोष को भी समाप्त किया जा सकता है। कल प्रदोष व्रत का मुहूर्त और पूजा विधि..
प्रदोष व्रत का मुहूर्त
आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष का प्रदोष व्रत 21 जुलाई को पड़ रहा है। त्रयोदशी तिथि कल सांयकाल में 4 बजकर 26 मिनट से शुरू होकर 22 जुलाई को 1बज कर 32 मिनट तक रहेगी। प्रदोष की पूजा रात्रि काल में करने का विधान है इसलिए प्रदोष का व्रत 21 जुलाई को ही रखा जाएगा। विशेष रूप से सूर्यास्त के 45 मिनट पहले से 45 मिनट बाद तक का काल प्रदोष काल कहलाता है। इस काल को प्रदोष तिथि के दिन शंकर जी की पूजा के लिए सबसे उपयुक्त माना जाता है।
बुध प्रदोष की पूजा का महत्व
भगवान शिव के सप्ताह में प्रत्येक दिन के प्रदोष व्रत का विशेष महत्व है। बुध प्रदोष का व्रत विशेष रूप से संतान प्राप्ति और संतान की सफलता की कामना के लिए रखा जाता है। बुधवार का दिन भगवान गणेश का भी प्रिय दिन है इसलिए बुध प्रदोष पर गणेश जी समेत शिव परिवार का पूजन करने से परिवार के सभी संकट और कष्ट दूर होते हैं। बुध प्रदोष पर गणेश जी को 5 हरी इलाइची और मोदक या लड्डू का भोग लगाने से कुण्डली में व्याप्त बुध दोष दूर किया जा सकता है।
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