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Suryadev Mantra: सूर्यदेव के मंत्रों का उच्चारण करने से मिलती है सफलता, होता है शक्ति का संचार

Suryadev Mantra आज रविवार है। हिंदू धर्म में हर दिन किसी न किसी भगवान को समर्पित है। अत रविवार का दिन सूर्यदेव को समर्पित है। सूर्य को यश का कारक माना जाता है।

By Shilpa SrivastavaEdited By: Published: Sun, 06 Sep 2020 06:00 AM (IST)Updated: Sun, 06 Sep 2020 01:40 PM (IST)
Suryadev Mantra: सूर्यदेव के मंत्रों का उच्चारण करने से मिलती है सफलता, होता है शक्ति का संचार
Suryadev Mantra: सूर्यदेव के मंत्रों का उच्चारण करने से मिलती है सफलता, होता है शक्ति का संचार

Suryadev Mantra: आज रविवार है। हिंदू धर्म में हर दिन किसी न किसी भगवान को समर्पित है। अत: रविवार का दिन सूर्यदेव को समर्पित है। सूर्य को यश का कारक माना जाता है। यह व्यक्ति के मान-सम्मान में वृद्धि कराता है। अगर किसी की कुंडली में सूर्य कमजोर है तो उसे सूर्य की पूजा करनी चाहिए साथ ही सुबह सूर्य को अर्घ्य भी देना चाहिए। भगवान सूर्यदेव एक मात्र ऐसे देव हैं जो हमें दिखाई देते हैं। मान्यता है कि अगर इनकी पूजा विधि-विधान से की जाए तो व्यक्ति को सफलता प्राप्त होती है। साथ ही मानसिक शांति और शक्ति का संचार भी होता है।

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सूर्य को जीवन का देवता कहा जाता है। इन्हें वेदों में जगत की आत्मा और ईश्वर का नेत्र भी कहा गया है। इनकी उपासना करना अत्यंत कल्याणकारी होती है। अगर व्यक्ति सच्चे मन से इनकी उपासना करे तो उसे शुभ फल की प्राप्ति होती है। ज्योतिष के अनुसार, नवग्रहों में सूर्य सर्वप्रथम है। इसे पिता के भाव कर्म का स्वामी भी माना गया है। यह जीवन से सभी दुखों को दूर करता है। सूर्यदेव जी की पूजा में गायत्री मंत्र बोला जाता है। इसके अलावा भी कई ऐसे मंत्र हैं जिनका उच्चारण सूर्यदेव की पूजा में किया जाता है।

सूर्य वैदिक मंत्र:

ऊँ आकृष्णेन रजसा वर्तमानो निवेशयन्नमृतं मर्त्यण्च ।

हिरण्य़येन सविता रथेन देवो याति भुवनानि पश्यन ।।

सूर्य के लिए तांत्रोक्त मंत्र:

ऊँ घृणि: सूर्यादित्योम

ऊँ घृणि: सूर्य आदित्य श्री

ऊँ ह्रां ह्रीं ह्रौं स: सूर्याय: नम:

ऊँ ह्रीं ह्रीं सूर्याय नम:

सूर्य नाम मंत्र:

ऊँ घृणि सूर्याय नम:

सूर्य का पौराणिक मंत्र:

जपाकुसुम संकाशं काश्यपेयं महद्युतिं।

तमोरिसर्व पापघ्नं प्रणतोस्मि दिवाकरं।।

सूर्य गायत्री मंत्र:

ऊँ आदित्याय विदमहे दिवाकराय धीमहि तन्न: सूर्य: प्रचोदयात

सूर्य देव के मंत्र:

पुत्र की प्राप्ति के लिए सूर्य देव के इन मंत्रों का जाप करना चाहिए।

ऊँ भास्कराय पुत्रं देहि महातेजसे।

धीमहि तन्नः सूर्य प्रचोदयात्।।

हृदय रोग, नेत्र व पीलिया रोग एवं कुष्ठ रोग तथा समस्त असाध्य रोगों को नष्ट करने के लिए सूर्य देव के इस मंत्र का जाप करना चाहिए।

ऊँ हृां हृीं सः सूर्याय नमः।।

व्यवसाय में वृद्धि करने के लिए सूर्य देव के इस मंत्र का जाप करना चाहिए।

ऊँ घृणिः सूर्य आदिव्योम।।

डिस्क्लेमर-

''इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना में निहित सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है. विभिन्स माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्म ग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारी आप तक पहुंचाई गई हैं. हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना के तहत ही लें. इसके अतिरिक्त इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी. '' 


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