Som Pradosh Vrat 2023: सोमवार के दिन करें इन मंत्रों का जाप, सभी दुखों का होगा नाश
Som Pradosh Vrat 2023 सोमवार के दिन शिवजी की पूजा उपासना करने से साधक की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। साथ ही दुख और संकट के बादल छंट जाते हैं। सोमवार के दिन सच्ची श्रद्धा से शिवजी की पूजा करने से अविवाहितों की शीघ्र शादी के भी योग बनते हैं।
नई दिल्ली, अध्यात्म डेस्क | Som Pradosh Vrat 2023: सोमवार का दिन देवों के देव महादेव को समर्पित होता है। इस दिन भगवान शिव संग माता पार्वती की पूजा का विधान है। इस सोमवार को सोम प्रदोष व्रत भी है। प्रदोष व्रत हर माह में कृष्ण और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी को मनाया जाता है। इस प्रकार 3 अप्रैल को प्रदोष व्रत है। इस दिन साधक अपने आराध्य भगवान शिव की भक्ति भाव से पूजा उपासना करते हैं। धार्मिक मान्यता है कि सोमवार के दिन शिवजी की पूजा उपासना करने से साधक की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। साथ ही दुख और संकट के बादल छंट जाते हैं। सोमवार के दिन सच्ची श्रद्धा से शिवजी की पूजा करने से अविवाहितों की शीघ्र शादी के भी योग बनते हैं। अगर आप भी शिवजी की कृपा पाना चाहते हैं, तो सोम प्रदोष के दिन इन मंत्रों का जाप जरूर करें। आइए जानते हैं-
1.
ॐ हौं जूं सः ॐ भूर्भुवः स्वः ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्
उर्वारुकमिव बन्धनान्मृ त्योर्मुक्षीय मामृतात् ॐ स्वः भुवः भूः ॐ सः जूं हौं ॐ।।
2.
प्रचण्डं प्रकृष्टं प्रगल्भं परेशं, अखण्डं अजं भानुकोटिप्रकाशं।
त्रय: शूलनिर्मूलनं शूलपाणिं, भजेऽहं भवानीपतिं भावगम्यम्।।
3.
ॐ देवाधिदेव देवेश सर्वप्राणभूतां वर।
प्राणिनामपि नाथस्त्वं मृत्युंजय नमोस्तुते।।
4.
ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि तन्नो रुद्रः प्रचोदयात्!
5.
शम्भवाय च मयोभवाय च नमः शंकराय च मयस्कराय च नमः शिवाय च शिवतराय च।।
ईशानः सर्वविध्यानामीश्वरः सर्वभूतानां ब्रम्हाधिपतिमहिर्बम्हणोधपतिर्बम्हा शिवो मे अस्तु सदाशिवोम।।
6.
।। श्री शिवाय नम:।।
।। श्री शंकराय नम:।।
।। श्री महेश्वराय नम:।।
।। श्री सांबसदाशिवाय नम:।।
।। श्री रुद्राय नम:।।
।। ओम पार्वतीपतये नम:।।
।। ओम नमो नीलकण्ठाय नम:।।
7.
करचरणकृतं वाक् कायजं कर्मजं श्रावण वाणंजं वा मानसंवापराधं ।
विहितं विहितं वा सर्व मेतत् क्षमस्व जय जय करुणाब्धे श्री महादेव शम्भो॥
8.
कर्पूरगौरं करुणावतारम् संसारसारं भुजगेन्द्रहारम् |
सदा वसन्तं हृदयारविन्दे भवं भवानीसहितं नमामि ||
9.
ॐ नमो हिरण्यबाहवे हिरण्यवर्णाय हिरण्यरूपाय
हिरण्यपतए अंबिका पतए उमा पतए पशूपतए नमो नमः
10.
नमस्ते अस्तु भगवान विश्वेश्वराय महादेवाय
त्र्यंबकाय त्रिपुरान्तकाय त्रिकाग्नी कालाय
कालाग्नी रुद्राय नीलकंठाय मृत्युंजयाय
सर्वेश्वराय सदशिवाय श्रीमान महादेवाय नमः।।
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