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Som Pradosh Vrat: सोम प्रदोष व्रत आज, इस शुभ मुहूर्त में ऐसे करें भगवान शिव की पूजा

Som Pradosh Vrat December 2022 सोम प्रदोष व्रत भगवान शिव को समर्पित है। इस दिन भगवान शिव की विधिवत पूजा करने के साथ व्रत रखने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती है। जानिए सोम प्रदोष व्रत का शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

By Shivani SinghEdited By: Published: Fri, 02 Dec 2022 09:30 AM (IST)Updated: Mon, 05 Dec 2022 08:17 AM (IST)
Som Pradosh Vrat: सोम प्रदोष व्रत आज, इस शुभ मुहूर्त में ऐसे करें भगवान शिव की पूजा
Som Pradosh Vrat मार्गशीर्ष सोम प्रदोष व्रत कब? जानिए तिथि, शुभ मुहूर्त और महत्व

नई दिल्ली, Som Pradosh Vrat December 2022: आज सोम प्रदोष व्रत रखा जा रहा है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, सोम प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव और माता पार्वती की विधिवत पूजा करने से रोग, दोष और भय से छुटकारा मिलता है। इसके साथ ही संतान की प्राप्ति होती है। आज के दिन भगवान शिव की पूजा शाम के समय. करने की विधान है। जानिए सोम प्रदोष व्रत का शुभ मुहूर्त, महत्व और पूजा विधि के बारे में।

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सोम प्रदोष व्रत 2022 शुभ मुहूर्त (Som Pradosh Vrat 2022 Shubh Muhurat)

मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी आरंभ- 05 दिसंबर 2022 को सुबह 05 बजकर 57 मिनट पर शुरू

मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी समाप्त- 06 दिसंबर 2022 को 06 बजकर 47 मिनट तक

शिव जी की पूजा का शुभ मुहूर्त - 5 दिसंबर को पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 05 बजकर 33 मिनट से रात 08 बजकर 15 मिनट तक

सोम प्रदोष व्रत 2022 पूजन विधि (Som Pradosh vrat 2022 Puja Vidhi)

  • प्रदोष व्रत के दिन सूर्योदय में उठकर सभी कामों से निवृत्त होकर स्नान कर लें और साफ सुथरे वस्त्र धारण कर लें।
  • भगवान शिव का मनन करते हुए व्रत का संकल्प लें।
  • अब पूजा करें। इसके लिए एक साफ जगह या फिर पूजा घर में एक लकड़ी की चौकी में कपड़ा बिछाकर मां पार्वती और शिव जी की तस्वीर स्थापित करें।
  • इसके बाद फूल, माला, जल, सफेद चंदन, अक्षत, नैवेद्य, बेल पक्ष, शमी पत्र, आक का फूल, धतूरा आदि अर्पित कर दें।
  • अब भोग लगाएं।
  • भोग के बाद घी का दीपक और धूप जलाएं और विधिवत चालीसा, मंत्र आदि करने के बाद आरती कर लें।
  • दिनभर व्रत रखने के बाद शाम को एक बार फिर स्नान कर लें।
  • स्नान के बाद शिवलिंग को दूध अभिषेक के साथ पंचामृत से स्नान कराएं।
  • फिर शिवलिंग में सफेद रंग का चंदन लगाने के साथ बेलपत्र, आक का फूल, धतूरा, भांग, फूल, माला आदि चढ़ा दें।
  • इसके बाद विधिवत आरती करके भूल चूक के लिए माफी मांग लें।

डिसक्लेमर

इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।


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