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मातृदोष से मुक्ति के लिए मातृनवमी पर करें विधि-विधान से पूजा

मातृदोष से भी जीवन में बहुत सी परेशान‍ियां आती हैं। ऐसे में पि‍तृपक्ष में मातृनवमी का द‍िन बेहद खास है। इस द‍िन व‍िधि‍व‍िधान से पूजा अर्चना करके मातृ दोष से बचा जा सकता है...

By shweta.mishraEdited By: Published: Wed, 13 Sep 2017 04:18 PM (IST)Updated: Wed, 13 Sep 2017 04:30 PM (IST)
मातृदोष से मुक्ति के लिए मातृनवमी पर करें विधि-विधान से पूजा
मातृदोष से मुक्ति के लिए मातृनवमी पर करें विधि-विधान से पूजा

मह‍िलाओं के लि‍ए: 
प‍ितृपक्ष में नवमी वाला द‍िन मह‍िलाओं के लि‍ए होता है। कहते हैं ज‍िन मह‍िलाओं की मृत्‍यु हो जाती है। वे भी प‍ितर में शाम‍िल हो जाती हैं। उनकी आत्‍मा की शांति‍ के ल‍िए यह द‍िन खास होता है। इस द‍िन को मातृनवमी भी कहते हैं। 

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मातृनवमी पर पूजा: 

इस द‍िन स्‍नान आद‍ि करने के बाद घर में दक्ष‍िण की ओर स्‍वर्गवासी महि‍ला प‍ितर का च‍ित्र रखें। जल में त‍िल मि‍लाकर तर्पण करें। तेल का द‍ीपक जलाएं। इसके बाद उनके सामने तुलसी पत्र अर्पित कर खीर का भोग लगाना चाह‍िए।


भोजन व दक्ष‍िणा: 

मातृनवमी को सुहागन स्त्रियों एवं ब्राह्मणों को भोजन करवाने से मातृदोष से मुक्‍त‍ि म‍िलती है। इतना ही सुहागन स्त्रियों को भोजन के बाद सुहाग का सामान भी दान करना शुभ होता है। वहीं सामर्थ्‍य अनुसार दक्षि‍णा देना भी जरूरी होता है। 

यह भी कर सकते हैं

मातृनवमी पर अगर क‍िसी को भोजन नहीं करा पा रहे हैं तो यह भी कर सकते हैं। इस द‍िन एक थाली में थोड़ा आटा, चीनी, घी, फल, आलू, नमक, दाल आद‍ि नि‍काल कर क‍िसी गरीब को या फ‍िर मंद‍िर में देने से लाभ होता है। 

खुश‍ियों का आगमन: 

इससे प‍ितर प्रसन्‍न हो होते हैं। इसके बाद वे आशीर्वाद देते हैं। देवताओं की व‍िशेष कृपा प्राप्त होगी। अशुभ ग्रह शांत होंगे और ग्रह नक्षत्रो का अनुकूल फल म‍िलेगा। आर्थि‍क व मानस‍िक परेशान‍ियां दूर होंगी। खुश‍ियों का आगमन होगा।  


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