Move to Jagran APP

Shardiya Navratri 2022: शारदीय नवरात्र पर बना खास संयोग, नोट कर लें घटस्थापना का शुभ मुहूर्त

Shardiya Navratri 2022 आश्विन मास की प्रतिपदा तिथि से शुरू होने वाले शारदीय नवरात्र काफी खास है। क्योंकि इस बार मां दुर्गा का आगमन हाथी में सवार होकर होगा। जानिए शारदीय नवरात्र पर बनने वाला योग के साथ कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त।

By JagranEdited By: Shivani SinghPublished: Sat, 24 Sep 2022 03:51 PM (IST)Updated: Mon, 26 Sep 2022 07:48 AM (IST)
Shardiya Navratri 2022: शारदीय नवरात्र पर बना खास संयोग, नोट कर लें घटस्थापना का शुभ मुहूर्त
Shardiya Navratri 2022: शारदीय नवरात्र पर बन रहा है खास संयोग, जानिए कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त

 नई दिल्ली, Shardiya Navratri 2022: हिंदू धर्म के विशेष व्रतों में से एक नवरात्र का प्रारंभ आज से हो चुका है। आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि के साथ नवरात्र की शुरुआत हो चुकी है। नवरात्र के पहले दिन कलश स्थापना के साथ मां दुर्गा के पहले अवतार मां शैलपुत्री की पूजा अर्चना की जाएगी।

loksabha election banner

पंचांग के अनुसार, इस साल शारदीय नवरात्र काफी शुभ संयोग में पड़ रही है। जानिए कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त और खास संयोग।

शारदीय नवरात्र पर बन रहा खास संयोग

इस साल शारदीय नवरात्र सोमवार के दिन शुरू हो रहा है। जो काफी शुभ माना जाता है। 26 सितंबर के दिन सोमवार पड़ने के साथ-साथ शुक्ल और ब्रह्न योग बन रहा है। इस शुभ योग में मां दुर्गा और उनके नौ स्वरूपों की पूजा करने से कई गुना अधिक फलों की प्राप्ति होगी।

इस तरह धरती में आएगी मां दुर्गा

हर साल नवरात्र के दिन मां दुर्गा अलग-अलग वाहनों में सवार होकर धरती में पधारती हैं। बता दें कि मां दुर्गा के वाहनों की गणना सप्ताह के दिन के हिसाब से होती है। इस साल शारदीय नवरात्र सोमवार से शुरू होने के कारण मां हाथी में सवार होकर आ रही है। इस वाहन से आना शुभ माना जाता है। हाथी की सवारी का मतलब है कि अधिक वर्षा होना। पृथ्वी में हर जगह हरियाली और खुशहाली होगी।

शारदीय नवरात्र 2022 कब से शुरू

आश्विन मास की प्रतिपदा आरंभ- 26 सितंबर 2022 को सुबह 03 बजकर 22 मिनट पर शुरू

आश्विन मास की प्रतिपदा समाप्त- 27 सितंबर 2022 को सुबह 03 बजकर 09 मिनट पर समाप्त

दुर्गा अष्टमी- नवरात्र की अष्टमी तिथि 3 अक्टूबर 2022

कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त

26 सितंबर से मां दुर्गा के पहले स्वरूप मां शैलपुत्री की पूजा की जाएगी। इसके साथ ही घट स्थापना का भी विधान है।

घटस्थापना सुबह का मुहूर्त - सुबह 06 बजकर 17 मिनट से 07 बजकर 55 मिनट तक

अभिजीत मुहूर्त- सुबह 11 बजकर 54 मिनट से दोपहर 12 बजकर 42 मिनट तक

डिसक्लेमर

इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.