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Shardiya Navratri 2022 Day 1: नवरात्र के प्रथम की जाएगी माता शैलपुत्री की पूजा, जानिए सही पूजा विधि और मंत्र

Shardiya Navratri 2022 नवरात्र के सबसे पहले दिन माता शैलपुत्री की विधिवत पूजा का विधान है। इस वर्ष 26 सितंबर से नवरात्र पर्व की शुरुआत हो रही है। इस दिन घटस्थापना और अखंड ज्योति प्रज्वलित की जाती है।

By Shantanoo MishraEdited By: Published: Fri, 23 Sep 2022 02:08 PM (IST)Updated: Mon, 26 Sep 2022 07:44 AM (IST)
Shardiya Navratri 2022 Day 1: नवरात्र के प्रथम की जाएगी माता शैलपुत्री की पूजा, जानिए सही पूजा विधि और मंत्र
Shardiya Navratri 2022: नवरात्र पर्व के पहले दिन माता शैलपुत्री की विधिवत पूजा की जाती है।

नई दिल्ली, Shardiya Navratri 2022, Mata Shailputri Puja: आज से नवरात्र की शुरुआत हो चुकी है। नवरात्र का पहले दिन कलश स्थापना के साथ मां शैलपुत्री की पूजा अर्चना की जाएगी। इस बार शारदीय नवरात्र पूरे नौ दिनों के मनाए जा रहे हैं। मान्यता है कि ऐसा करने से परिवार के कल्याण और उज्जवल भविष्य का आशीर्वाद प्राप्त होता है। आइए जानते हैं क्या मां है शैलपुत्री की पूजा विधि और मंत्र।

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जानिए मां शैलपुत्री का स्वरूप (Mata Shailputri Swaroop)

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार मां शैलपुत्री हिमालय की पुत्री हैं। इनका जन्म शैल अर्थात पत्थर से हुआ था जिसके कारण इन्हें शैलपुत्री के नाम से जाना जाता है। मां अपनी भक्तों की प्रार्थना सुनने बैल पर सवार होकर आती हैं और एक हाथ में कमल का पुष्प व दूसरे में त्रिशूल धारण करती हैं।

मां शैलपुत्री की पूजा विधि (Mata Shailputri Puja Vidhi)

नवरात्र महापर्व के पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा करने के लिए ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान-ध्यान कर लें और पूजा घर की साफ-सफाई करें। इसके बाद एक चौकी स्थापित करें और उसे गंगाजल से सिक्त कर दें। फिर चौकी पर लाल रंग का वस्त्र बिछाएं और उसपर माता के सभी स्वरूपों को स्थापित करें। इसके बाद मां शैलपुत्री की वंदना करते हुए व्रत का संकल्प लें और सफेद रंग का पुष्प अर्पित करें। इसके बाद अक्षत और सिंदूर अर्पित करें। इस बात का ध्यान रखें कि आप मां शैलपुत्री को सफेद रंग का वस्त्र अर्पित करें और घाय के घी से बने मिष्ठान का भोग लगाएं। अंत में घी का दीपक जलाएं और माता की आरती करें।

करें इस मंत्र का जाप (Maa Shailputri Mantra)

वन्दे वाञ्छित लाभाय चन्द्र अर्धकृत शेखराम् ।

वृषारुढां शूलधरां शैलपुत्रीं यशस्विनीम् ।।

या करें ‘ॐ ऐं ह्रीं क्लीं शैलपुत्र्यै नम:’ मंत्र का 108 बार जाप।

डिसक्लेमर

इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।


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