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Sharad Purnima 2019: शरद पूर्णिमा को करें मां लक्ष्मी की पूजा, धन-समृद्धि और वैभव की नहीं रहेगी कमी

Sharad Purnima 2019 शरद पूर्णिमा के दिन मां लक्ष्मी का जन्म हुआ था इसलिए इस दिन माता लक्ष्मी की विधि विधान से पूजा अर्चना करनी चाहिए।

By kartikey.tiwariEdited By: Published: Wed, 09 Oct 2019 11:19 AM (IST)Updated: Wed, 09 Oct 2019 11:19 AM (IST)
Sharad Purnima 2019: शरद पूर्णिमा को करें मां लक्ष्मी की पूजा, धन-समृद्धि और वैभव की नहीं रहेगी कमी
Sharad Purnima 2019: शरद पूर्णिमा को करें मां लक्ष्मी की पूजा, धन-समृद्धि और वैभव की नहीं रहेगी कमी

Sharad Purnima 2019 Lakshmi Puja: आश्विन मास की पूर्णिमा तिथि को शरद पूर्णिमा या कोजागरी पूर्णिमा होती है, जो इस वर्ष 13 अक्टूबर दिन रविवार को है। शरद पूर्णिमा के दिन धन-वैभव की देवी मां लक्ष्मी का जन्म हुआ था, इसलिए शरद पूर्णिमा के दिन माता लक्ष्मी की विधि विधान से पूजा अर्चना करनी चाहिए। इससे प्रसन्न होकर माता लक्ष्मी अपने भक्तों को धन-समृद्धि और वैभव से भर देती हैं। उन्हें धन की कमी नहीं रहती है।

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धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, शरद पूर्णिमा के मध्य रात में माता लक्ष्मी अपने वाहन उल्लू पर सवार होती हैं। वह पृथ्वी का भ्रमण करती हैं और चांदनी रात में मनोहर दृश्यों का आनंद लेती हैं। भ्रमण के दौरान वह यह भी देखती हैं कि कौन व्यक्ति रात में जगकर उनकी आराधना कर रहा है। माता लक्ष्मी उस व्यक्ति पर अपनी कृपा बरसाती हैं।

शरद पूर्णिमा को लक्ष्मी पूजा का महत्व

ज्योतिषाचार्य पं. गणेश प्रसाद मिश्र का कहना है कि शरद पूर्णिमा को लेकर ज्योतिषीय मत यह है कि जो व्यक्ति शरद पू​र्णिमा की रात माता लक्ष्मी की विधिपूर्वक पूजा करता है, उसे माता धन-संपदा से ​परिपूर्ण कर देती हैं, चाहे उस व्यक्ति की कुंडली में धन योग हो या न हो।

कोजागरी पूर्णिमा

शरद पूर्णिमा को कोजागरी पूर्णिमा भी कहा जाता है। इसका शाब्दिक अर्थ है कि कौन जाग रहा है। जो रात में जगकर माता लक्ष्मी की पूजा करते हैं, उनको ही माता लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

शरद पूर्णिमा को लक्ष्मी पूजा की विधि

शरद पूर्णिमा के दिन दैनिक कार्यों से ​निवृत होकर स्वच्छ वस्त्र धारण करें। इसके बाद मां लक्ष्मी के व्रत का संकल्प करें। इसके बाद पूजा स्थान पर माता लक्ष्मी की मूर्ति या तस्वीर को स्थापित करें। फिर उनकी विधि विधान से पूजा करें। माता लक्ष्मी को अक्षत, दूर्वा, लाल सूत, सुपारी, चन्दन, पुष्प माला, नारियल, फल, मिठाई आ​दि अर्पित करें।

इसके पश्चात घी के दीपक या कपूर से माता लक्ष्मी की आरती करें। इसके बाद रात्रि में चांद निकलने पर घी के 100 दीपक जलाएं। माता लक्ष्मी शरद पूर्णिमा की मध्य रात्रि जब निकलेंगी तो जरूर आप पर अपनी कृपा बरसाएंगी।

कोजागरी व्रत से माता लक्ष्मी संतुष्ट होती हैं और इससे प्रसन्न होकर धन-समृद्धि देती हैं। मृत्यु के बाद परलोक में भी सद्गति प्रदान करती हैं।


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