Shani Pradosh Vrat 2020: आज शनि प्रदोष को करें इन 5 मंत्रों का जाप, शिव और शनिदेव होंगे प्रसन्न
Shani Pradosh Vrat 2020 शनि प्रदोष के दिन भगवान शिव के साथ शनिदेव की भी पूजा करना श्रेष्ठ रहेगा।
Shani Pradosh Vrat 2020: शनि प्रदोष व्रत 21 मार्च दिन शनिवार को है। प्रदोष व्रत हर मास के शुक्ल और कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को होता है। इस दिन भगवान शिव की पूजा करने का विधान है। इस बार का प्रदोष व्रत शनिवार के दिन पड़ रहा है, इसलिए आज के दिन भगवान शिव के साथ शनिदेव की भी पूजा करना श्रेष्ठ रहेगा। आज हम आपको उन पांच मंत्रों के बारे में बता रहे हैं, जिनका पूजा के समय जाप करने से भगवान शिव अत्यंत प्रसन्न होंगे। शनिवार के दिन शनि देव के आराध्य की पूजा के बाद उनकी पूजा की जाए तो वे भी प्रसन्न होते हैं।
पांच मंत्र
चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी के दिन यानी 21 मार्च को सूर्यास्त के बाद स्नान आदि से निवृत्त हो जाएं। फिर भगवान शिव की पूजा शुभ मुहूर्त में करें। पूजा के दौरान नीचे दिए गए इन 5 मंत्रों का श्रद्धापूर्वक जाप करें।
पहला मंत्र: शिवशंकर जगद्गुरु नमस्कार।
दूसरा मंत्र: हे रुद्रदेव शिव नमस्कार।
तीसरा मंत्र: शशि मौलि चन्द्र सुख नमस्कार।
चौथा मंत्र: ईशान ईश प्रभु नमस्कार।
पांचवा मंत्र: हे नीलकंठ सुर नमस्कार।
इन पांच मंत्रों के जाप के बाद भगवान शिव की आरती जरूर करें। आरती करने से पूजा के दौरान जो भी कमियां होती हैं, वो पूर्ण हो जाती हैं।
शिव पूजा के बाद शनि आराधना
प्रदोष काल में भगवान शिव की पूजा करने के बाद शनिदेव की आराधना करें। शनिदेव को काला तिल, सरसों का तेल, धूप, दीप, पुष्प आदि अर्पित करें। सरसों के तेल का दीपक जलाकर शनिदेव को अर्पित करें। शनिवार का दिन शनिदेव की पूजा के लिए समर्पित है, लेकिन इस दिन भगवान शिव की आराधना करने से शनिदेव भी प्रसन्न होते हैं।
शनिवार को क्यों होती है शनिदेव की पूजा
शनिवार के दिन शनिदेव की पूजा का संबंध कुंडली में उनके स्थान से है। होरा शास्त्र में बताया गया है कि कुंडली में शनिदेव सप्तम भाव में होते हैं, इसलिए सप्ताह का सातवां दिन यानी शनिवार उनकी पूजा को समर्पित है। आपको बता दें कि सप्ताह का पहला दिन रविवार और सातवां दिन शनिवार होता है।