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Sawan Shivratri 2021: आज है सावन शिवरात्री, जानें पूजा विधि, मुहूर्त एवं महत्व

Sawan Shivratri 2021 प्रत्येक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मासिक शिवरात्री मनाई जाती है। मान्यता है कि सावन में भगवान शिव अपने सभी परिवार समेत धरती पर विराजते हैं। इसी वजह से सावन शिवरात्री की पूजा शिव भक्तों के लिए बहुत अहम होता है।

By Ritesh SirajEdited By: Published: Thu, 05 Aug 2021 11:39 AM (IST)Updated: Fri, 06 Aug 2021 09:14 AM (IST)
Sawan Shivratri 2021: आज है सावन शिवरात्री, जानें पूजा विधि, मुहूर्त एवं महत्व
Sawan Shivratri 2021: आज है सावन शिवरात्री, जानें पूजा विधि, मुहूर्त एवं महत्व

Sawan Shivratri 2021: भगवान शिव का प्रिय मास सावन चल रहा है। इस मास में भगवान शिव की विधि-विधान से पूजा की जाती है। सावन के साथ-साथ शिवरात्रि की पूजा बहुत ही लाभकारी माना जाती है। प्रत्येक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मासिक शिवरात्री मनाई जाती है। मान्यता है कि सावन में भगवान शिव अपने सभी परिवार समेत धरती पर विराजते हैं। इसी वजह से सावन शिवरात्रि की पूजा शिव भक्तों के लिए बहुत अहम होता है। सावन शिवरात्रि की पूजा से सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं। आइये जानते हैं कि सावन शिवरात्रि की पूजा की विधि महत्व और शुभ मुहूर्त क्या है।

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सावन शिवरात्रि शुभ मुहूर्त

सावन मास चतुर्दशी तिथि आरंभ: 06 अगस्त, शुक्रवार की शाम 06 बजकर 28 मिनट से

सावन मास चतुर्दशी तिथि समापन: 07 अगस्त, शनिवार की शाम 07 बजकर 11 मिनट पर।

शिवरात्रि व्रत पारण का समय: 07 अगस्त, शनिवार की सुबह 05 बजकर 46 मिनट से दोपहर 03 बजकर 45 मिनट तक।

सावन शिवरात्रि पूजा विधि

सावन शिवरात्रि के दिन प्रातःकाल जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत्त होकर पास के शिव मंदिर जाएं। इस दिन विशेष रूप से शिवलिंग का जलाभिषेक करके महादेव से आशीर्वाद प्राप्त करें। पूजा की सभी सामग्रियों को भगवान शिव को विधि-विधान से अर्पित करें। भगवान शिव की आरती करें। इस दिन ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए। सावन शिवरात्रि पर व्रत रखकर अगले दिन शुभ पारण मुहूर्त में व्रत तोड़ें। भगवान शिव की विशेष कृपा होगी।

सावन शिवरात्रि का महत्व

सावन के शिवरात्रि का विशेष महत्व माना गया है। मान्यता है कि इस दिन भगवान भोलेनाथ और माता पार्वती की विधि पूर्वक पूजा करने से सौभाग्य की प्राप्ति होती है। इससे सभी तरह के कष्टों का नाश होता है। जीवन में विवाह संबंधी आने वाली समस्या के निवारण के लिए इस दिन गुलाब के फूलों की माला से शिवलिंग के साथ मां गौरी का गठबंधन करें। इस दिन किसी भी जरूरतमंद व्यक्ति या कन्याओं को दूध दान करना चाहिए, इससे मानसिक तनाव दूर होता है और कुंडली का चंद्रमा शुभ फल देने लगता है।

डिसक्लेमर

'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'


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