Move to Jagran APP

Sawan Purnima 2022: सावन पूर्णिमा आज, जानिए शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

Sawan Purnima 2022 पंचांग के अनुसार सावन पूर्णिमा के दिन भगवान शिव के अलावा चंद्रदेव की पूजा करने का विधान है। सावन पूर्णिमा के दिन काफी खास संयोग बन रहा है। जानिए सावन पूर्णिमा का शुभ मुहूर्त और पूजा विधि।

By Shivani SinghEdited By: Published: Wed, 10 Aug 2022 09:44 AM (IST)Updated: Thu, 11 Aug 2022 07:57 AM (IST)
Sawan Purnima 2022: सावन पूर्णिमा आज, जानिए शुभ मुहूर्त और पूजा विधि
Sawan Purnima 2022: 11 अगस्त को सावन पूर्णिमा? जानिए शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

नई दिल्ली, Sawan Purnima 2022: हिंदू पंचांग के अनुसार, सावन मास की पूर्णिमा के साथ ही भगवान शिव का प्रिय माह सावन समाप्त हो जाएगा। इसके साथ ही 12 अगस्त से भाद्रपद शुरू हो जाएगा। सावन पूर्णिमा के दिन शिवजी की पूजा करने के साथ भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक रक्षाबंधन का पर्व भी मनाया जा रहा है। सावन महीने की पूर्णिमा 11 और 12 अगस्त को रहेगी। इस वजह से रक्षा बंधन भी दो दिन मनाया जाएगा।

loksabha election banner

श्रावण मास की पूर्णिमा का हिंदू धर्म में बहुत अधिक महत्व है। पूर्णिमा के साथ ही सावन माह का समाप्त हो जाएगा और भाद्रपद की शुरुआत हो जाएगी।  सावन पूर्णिमा के दिन भगवान शिव के साथ, मां लक्ष्मी और भगवान विष्णु की पूजा करने के साथ चंद्रदेव की पूजा करने का विधान है। जानिए सावन पूर्णिमा का शुभ मुहूर्त और पूजा विधि।

श्रावण मास की पूर्णिमा (Sawan Purnima) का शुभ मुहूर्त

श्रावण मास की पूर्णिमा प्रारंभ- 11 अगस्त 2022, गुरुवार - प्रातः काल 10 बजकर 38 मिनट

श्रावण मास की पूर्णिमा- प्रातःकाल 7 बजकर 5 मिनट तक रहेगी।

अभिजीत मुहूर्त- 11 अगस्त को दोपहर 12 बजे से लेकर 12 बजकर 53 मिनट तक

अमृत काल- शाम 6 बजकर 55 मिनट से रात 8 बजकर 20 मिनट तक रहेगा।

चंद्रोदय व चंद्रास्त का समय

चंद्रोदय: 11 अगस्त को शाम 6 बजकर 57 मिनट तक

चंद्रास्त: 12 अगस्त को सुबह 5 बजकर 53 मिनट तक

सावन पूर्णिमा पर बन रहे हैं खास योग

रवि योग : सुबह 5 बजकर 56 मिनट से सुबह 06 बजकर 53 मिनट तक

आयुष्मान योग : 10 अगस्त शाम 7 बजकर 36 मिनट से लेकर 11 अगस्त दोपहर 03 बजकर 32 मिनट तक

सौभाग्य योग : 11 अगस्त दोपहर 3 बजकर 32 मिनट से 12 अगस्त सुबह 11 बजकर 34 मिनट तक

चंद्रदेव की करें पूजा

पूर्णिमा पर चंद्रदेव 16 कलाओं के साथ दिखाई देते हैं। इसलिए चंद्रदेव की पूजा करने का विशेष महत्व है। शाम को चंद्रोदय के बाद चंद्रदेव को चांदी के लोटे से दूध अर्पित करना चाहिए। इस दौरान ऊँ सों सोमाय नम: मंत्र का जप करें।

शिव जी की पूजा

सावन माह पूर्णिमा के साथ ही समाप्त हो जाएगा। इसलिए इस दिन भोलेनाथ का अभिषेक जरूर करें। शिवलिंग पर जल और दूध से अभिषेक करें। इसके साथ ही बेलपत्र चढ़ाएं। इससे भगवान शिव की कृपा प्राप्त होगी।

मां लक्ष्मी की करें पूजा

पूर्णिमा के दिन मां लक्ष्मी के साथ भगवान विष्णु की भी पूजा करें। इस दिन दोनों को पीले रंग के फूल और कौड़ियां चढ़ाएं। विधिवत तरीके से पूजा करने से मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होगी।

Pic Credit- Freepik

डिसक्लेमर

'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.